प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के दौरान छात्रों से बात करते हुए कहा कि “हमारे समाज में दुर्भाग्य से ये घुस गया कि अगर हम स्कूल में इतने नंबर नहीं लाए, 10वीं-12वीं में इतने नंबर नहीं आए तो जिंदगी तबाह हो जाएगी और इसलिए पूरे घर में तनाव हो जाता है, ऐसे में आपको खुद को तैयार करना है…इस तनाव को मन में ना लें और तय करें कि आपको आज कितना पढ़ना है. ये अगर आप कर लेते हैं, तो आप इस तनाव से खुद को निकाल सकते हैं.”

पीएम ने छात्रों को खिलाए तिल के लड्डू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चर्चा में शामिल हुए छात्रों को तिल के लड्डू खिलाए. साथ ही उन्हें हेल्थ से जुड़े कुछ टिप्स भी दी. पीएम ने छात्रों को बताया कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों को परीक्षा के तनाव को दूर करने के लिए ‘क्रिकेट’ से जुड़ा एक मंत्र दिया.  पीएम ने बच्चों से कहा कि आपने देखा होगा कि जब क्रिकेट खेलते हैं तो  मैच के दौरान स्टेडियम से आवाज आती है. कोई कहता है सिक्स, कोई कहता है फोर. क्या वह बैट्समैन सुनता है या फिर वह उस बॉल को देखता है. अगर वह सुनकर चौके-छक्के मारने लगे तो आउट हो जाएगा. इसका मतलब है कि बैट्समैन उस प्रेशर का परवाह नहीं करता है. उसका पूरा ध्यान उस बॉल पर होता है. अगर आप उस प्रेशर को न लेते हुए अपना ध्यान इस पर लगा दें कि आज मुझे इतना पढ़ना है, तो आप आराम से कर लेंगे.

बता दें इस बार की ‘परीक्षा पे चर्चा’ बेहद खास है. दरअसल ‘परीक्षा पे चर्चा’ के आठवें संस्करण में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण, भूमि पेडनेकर, अभिनेता विक्रांत मैसी और छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम और आध्यात्मिक गुरु सद्गगुरु जैसी हस्तियां भी शामिल होंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोर्ड परीक्षा 2025 से पहले देशभर के 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों से परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के माध्यम से संवाद कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि किताबी कीड़ा नहीं बनना चाहिए लेकिन ज्ञान प्राप्त करने से पीछे नहीं हटना चाहिए. हमेशा कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए.


पीएम ने आगे कहा कि दिन में 24 घंटे होते हैं और हर किसी को 24 घंटे ही मिलते हैं. इसी समय में से कोई बहुत अच्छा काम कर रहा है और कोई अपना समय बर्बाद कर रहा है. इसका एक ही कारण है टाइम को सही से मैनेज न करना. उनलोगों को नहीं पता है कि समय का उपयोग कैसे करना चाहिए. सबसे पहले समय पर सोचना है कि मैं अपने समय का अच्छा उपयोग कैसे करूं. कागज पर अपना टाइम टेबल लिख लीजिए और इसको फॉलो कीजिए कि कल ये काम करने हैं और अगले दिन फिर मार्क कीजिए कि काम हुआ या नहीं. 


पीएम मोदी ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ थोड़ा रिलैक्स होने की भी जरूरत है. इसके लिए माता-पिता को समझाए कि रोबोट की तरह नहीं जी सकते, हम इंसान है. हम अपने विकास के लिए पढ़ाई करते हैं. शिशु मंदिर में आपको लगा होगा कि मैं मेहनत क्यों कर रहा हूं. इसलिए मैं कहता हूं कि बच्चों को दीवारों और किताबों में बंद करेंगे तो बच्चे की ग्रो नहीं कर सकते हैं. उन्हें खुला आसमान चाहिए. अपनी पसंद की चीजें करनी चाहिए.


पीएम ने कहा कि सामने वाले को गलती ठीक करने से पहले उसकी अच्छाई के बारे में बताइए. अगर आप डायरेक्ट बोलेंगे तो उसे लगेगा कि सिर्फ मुझे ही क्यों कहा. पीएम ने कहा कि कोई भी उम्र क्यों ना हो, हमेशा लिखने की आदत होनी चाहिए. देसी कविताएं लिखने वाली अपने विचारों को बांधते हैं. जैसे टीचर्स एग्जाम से पहले प्रश्न और उत्तर लिखवाते हैं. इसी तरह. टीचर का काम है बच्चे की ताकत को पहचानना. बच्चे हर टॉपिक को लिख कर याद करें.