अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ अमेंडमेंट बिल 2024 लोकसभा में पेश ्कर दिया है.  कांग्रेस ने इस पर आपत्ति की है. विपक्ष की ओर से केसी वेणुगोपाल ने इस पर आपत्ति करते हुए कहा है कि ये संविधान की ओर से दिए धर्म और फंडामेंटल राइट्स पर हमला है.

कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने वक्फ बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि ये संविधान से मिले धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है. यह बिल फंडामेंटल राइट्स पर हमला है. उन्होंने सवाल किया कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई नॉन हिंदू है, क्या किसी मंदिर की कमेटी में किसी गैर हिंदू को रखा गया है. वेणुगोपाल ने कहा कि वक्फ भी एक धार्मिक संस्था है. ये समाज को बांटने की कोशिश है.

रामपुर से सांसद मोहिबुल्ला ने चार धाम से लेकर तमाम हिंदू मंदिरों की कमेटियों का उदाहरण दिया और कहा कि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी में भी लिखा गया है कि केवल सिख ही सदस्य होगा. फिर मुसलमानों के साथ ये अन्याय क्यों. हम बहुत बड़ी गलती करने जा रहे हैं जिसका खामियाजा हम सदियों तक भुगतते रहेंगे. सरकारी अमले को ये हक दिया जा रहा है, सर्वे कमीशन के अधिकार खत्म किए जा रहे हैं. ये मेरे मजहब के मुताबिक कोई चीज है तो उसे आप तय करेंगे या मैं तय करूंगा.  ये हमारे मजहब में दखलअंदाजी है. ऐसा हुआ तो कोई भी अल्पसंख्यक खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा.