
मुरादाबाद। थाना सिविल लाइंस पुलिस ने एक हनी ट्रैप गैंग का भंडाफोड़ करते हुए चार शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। जिन में दो महिलाएं भी हैं। इनके कब्जे से अवैध रूप से वसूले गए 40 हजार रुपये नकद और चार मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

मंगलवार को रिजर्व पुलिस लाइंस में आयोजित प्रेस वार्ता में पुलिस अधीक्षक नगर रणविजय सिंह और सीओ सिविल लाइंस कुलदीप गुप्ता ने उक्त खुलासे के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि थाना ठाकुरद्वारा क्षेत्र निवासी पीड़ित ने थाना सिविल लाइंस में तहरीर देकर बताया कि कुछ लोगों ने उसे षड्यंत्र के तहत हनी ट्रैप में फंसाकर 50 हजार रुपये की अवैध वसूली की है। जिस पर थाना सिविल लाइंस में मुकदमा संख्या 556/2025 अंतर्गत धारा 318(4)/351(2)/308(5)/61(2) बीएनएस पंजीकृत कर जांच शुरू की गई। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस मनीष सक्सेना के नेतृत्व में सिविल लाइंस पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हनी ट्रैप गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अभियुक्तों में राहुल शर्मा पुत्र बलदाउ शर्मा, निवासी एकता कॉलोनी, थाना मझोला, मुरादाबाद (उम्र 30 वर्ष, राधेश्याम पुत्र ओमप्रकाश, निवासी चंदनपुर इशापुर मुंडापांडे, मुरादाबाद (उम्र 30 वर्ष, महक पुत्री मो. सलीम, निवासी दीवान का बाजार, थाना नागफनी, मुरादाबाद (उम्र 35 वर्ष), हाल पता – दीनदयाल नगर रानी पत्नी जुल्फकार, निवासी मोहल्ला गुलाबराकाबाग, थाना नागफनी, मुरादाबाद (उम्र 28 वर्ष) शामिल है। आरोपियों के कब्जे से पीड़ित से वसूले गए 40 हजार रुपये और चार मोबाइल बरामद किए गए हैं।

एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए अभियुक्त अपने साथी महिला सदस्यों द्वारा भोले भाले लोगों को फोन कॉल व चैटिंग के माध्यम से अपने जाल में फंसा लेते थे। उसके बाद यह जाल में फंसे व्यक्ति की महिला के साथ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर, वीडियो वायरल करने तथा दुष्कर्म का झूठा मुकदमा लिखवाने की धमकी देते थे। फिर उनसे अवैध धन की वसूली करते थे। उन्होंने बताया कि आरोपियों ने पूछताछ के दौरान जानकारी दी कि महक उर्फ फरीदा भोले भाले लोगों से व्हाट्सएप चैट के माध्यम से चैटिंग में मीठी-मीठी बातें करके उन्हें अपने जाल में फंसा लेती है उसके बाद उसे मिलने के लिए बुलाती है। वह उनसे बातचीत करके विश्वास में लेकर किसी होटल या अपने किसी परिचित के घर ले जाकर उसके साथ आपत्तिजनक स्थिति में आकर पूर्व से निर्धारित स्थान के अनुसार साथियों को बुला लेती है। तब गिरोह के बाकी सदस्य मौके पर पहुंचकर जाल में फंसे व्यक्ति की आपत्तिजनक स्थिति की फोटो व वीडियो बना लेते हैं। उसके बाद उसे झूठे मुकदमे में फसाने की धमकी देकर व फोटो वीडियो वायरल करने की धमकी देकर अवैध वसूली करते हैं तथा वसूली की रकम को आपस में बांट लेते हैं।
एसपी सिटी ने बताया कि इस प्रकरण में भी इन लोगों ने अपने दो अन्य साथियों सोनू शर्मा व अमन के साथ मिलकर इस योजना को अंजाम दिया था और पीड़ित से 10 लाख रुपए की मांग की थी। किंतु पीड़ित द्वारा फिलहाल इन्हें पचास हजार रुपए की रकम दी गई थी। जिन्हें उन्होंने आपस में बांट लिया था। यह सभी लोग वादी को उसकी गाड़ी में बैठाकर ठाकुरद्वारा की ओर ले जा रहे थे कि तभी पुलिस की गाड़ी देखकर यह घबरा गए। यह पीड़ित को उसी की गाड़ी में छोड़कर भाग खड़े हुए। पुलिस गिरोह के फरार सदस्यों के साथ गिरोह में शामिल अन्य लोगों की सरगर्मी से तलाश कर रही है।