
उत्तर प्रदेश के संभल को अब एक ऐसे ‘संवेदनशील क्षेत्र’ में तब्दील कर दिया गया है कि यहां न तो किसी बाहरी की एंट्री होगी, न ही कोई सोशल एक्टिविस्ट और नेता ही यहां जा सकेंगे. जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पांडिया ने ऐलान किया है कि अब ये रोक 10 दिसंबर तक लागू रहेगी.
डीएम ने आदेश दिया है कि कोई भी शख्स बिना किसी सक्षम अधिकारी को सूचित करे हुए संभल में प्रवेश नहीं कर सकेगा. संभल की जनपद सीमा में बाहरी लोगों की एंट्री पर पहले 1 दिसंबर तक बैन लगाई गई थी, लेकिन हालात को देखते हुए इसे और बढ़ाने का फैसला किया गया है.
सपा नेताओं का जो प्रतिनिधिमंडल संभल जाने वाला था, उसमें यूपी विधानसभा में नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडे भी शामिल थे, जिन्होंने सवाल किया कि ‘संभल में आखिर सरकार क्या छुपाना चाहती है.’ उन्होंने बताया कि पहले उनका शुक्रवार को जाने का प्लान था, लेकिन प्रशासन ने उन्हें तीन दिन रुकने को कहा था, और बताया कि जुमे के दिन शांति व्यवस्था बिगड़ने का खतरा बताया गया, लेकिन अब भी नहीं जाने दिया जा रहा है.