संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में हजारों किसान नोएडा से दिल्ली की तरफ कूच कर रहे थे, जिन्हें दलित प्रेरणा स्थल पर रोका गया. किसान नए कृषि कानूनों के तहत मुआवजे और लाभ की 5 मांगों पर जोर दे रहे हैं. प्रदर्शनकारी किसान नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल से बैरिकेडिंग तौड़कर आगे बढ़ गए थे. हालांकि बाद में किसानों ने सड़क खाली कर दी और दलित प्रेरणा स्थल पर ही रुक कर प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं, दिल्ली-नोएडा बॉर्डर से बैरिकेडिंग हट रही है.


संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा सोमवार को दिल्ली कूच के लिए किए गए आंदोलन के बाद किसानों और प्राधिकरण के बीच कई घंटों तक बातचीत चली. इसके बाद ग्रेटर नोएडा, नोएडा और यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों ने समस्या के समाधान के लिए एक हफ्ते का समय मांगा है. बैठक में यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र सिंह, नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ महेंद्र प्रसाद और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी मौजूद रहे. इसके अलावा पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी बातचीत में शामिल हुए.

किसानों ने प्राधिकरण के आश्वासन को स्वीकार करते हुए दलित प्रेरणा स्थल में एक हफ्ते तक इंतजार करने का निर्णय लिया है. हालांकि, किसानों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर एक हफ्ते के अंदर उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे दिल्ली कूच करेंगे. फिलहाल, किसानों द्वारा एक्सप्रेसवे पर लगाए गए अवरोधक हटा दिए गए हैं और अब वहां से यातायात सुचारू रूप से चल रहा है. किसानों ने तय किया है कि वह फिलहाल दिल्ली कूच नहीं कर रहे हैं. हालांकि उनका प्रदर्शन खत्म नहीं हुआ है. किसान दलित प्रेरणा स्थल के भीतर मौजूद हैं. उन्होंने तय किया है कि वह सड़क खाली कर प्रेरणा स्थल पर ही प्रदर्शन करेंगे.