
सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से तीन मामलों में जमानत मिल गई है, जबकि एक अन्य मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी गई है. आज़म खान के वकील जुबैर अहमद ने चार मामलों में जमानत याचिका दाखिल की थी. इनमें रामपुर के सिविल लाइंस थाने में दर्ज शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने, थाना गंज में महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने, आचार संहिता उल्लंघन और थाना गंज क्षेत्र के निवासी अबरार नामक व्यक्ति को धमकाने के मामले शामिल थे.
रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनवाई के बाद तीन मामलों में आज़म खान की जमानत याचिका मंजूर कर ली, जबकि अबरार को धमकाने के मामले में उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. आज़म खान के वकील जुबैर अहमद ने बताया कि चार जमानत याचिकाएं ट्रायल कोर्ट में पेंडिंग थीं, जिनमें से दो हेट स्पीच से संबंधित थीं और एक शत्रु संपत्ति से संबंधित थी. इन तीनों मामलों में रेगुलर बेल कोर्ट ने मंजूर कर ली है. अब जिस मामले में कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज की है, उसमें सेशन कोर्ट में अपील करेंगे.
हालांकि सीतापुर जेल में बंद आजम खान अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे. आजम खान की क्रिमिनल अपील हाईकोर्ट में पेंडिंग है और एक मामले में जमानत खारिज हुई है. उधर हाईकोर्ट ने सड़क जाम करने के मामले में दो साल की सजा के खिलाफ दायर याचिका पर ट्रायल कोर्ट से रिकॉर्ड समन किया है. बता दें कि मुरादाबाद के छजलैट थाने के सामने 2008 में सपा नेता आजम खान और उनके पुत्र ने अब्दुल्ला आजम ने जाम लगाया था. इस मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोनों को दो-दो साल की सजा सुनाई है.