अमरोहा। गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के बैनर तले बड़ी संख्या में एकत्रित किसानों और जनमानस ने पहलगाम हमले के खिलाफ अपने विरोध और गुस्से का इज़हार किया।

इस अवसर पर भाकियू नेता नरेश चौधरी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर आतंकी प्रयोगशाला नहीं बनने दी जाएगी। निहत्थे लोगों पर हमलावरों को निर्णायक युद्ध के लिए ललकारते हुए नरेश चौधरी ने कहा कि जब तक देश खेत में किसान और सरहद की निगहबानी में जवान तैनात है, आतंकवादियों के नापाक मंसूबे पूरे नहीं होने वाले।इस मौके पर आतंक का प्रतीकात्मक पूतला फूंका गया तथा कायराना हमले में मारे गए निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी गई। पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताते हुए भाकियू संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि इस दुःख की घड़ी में देश का किसान उनके साथ खड़ा है।

उन्होंने प्रधानमंत्री से पहलगाम हादसे पर ठोस एक्शन की उम्मीद जताई।कहा कि अगर सबूत हैं तो फिर पाकिस्तान से सख्ती से निपटिए , एकजुट होकर किसान देश के साथ खड़ा है। क्योंकि हम युद्ध के बीच हैं, हम अपनी ज़मीनें लगातार खो रहे हैं। जन सबसे बड़ा धन है, हमारा जन-धन भी हमसे छीना जा रहा है। भारत हज़ारों वर्षों से इस युद्ध का मैदान रहा है,अब कश्मीर को नई प्रयोगशाला बनाया जा रहा है। भारत में सब कुछ ठीक नहीं है। कृषि प्रधान देश भारत का किसान खेत में और किसान का बेटा सरहद की निगहबानी में रात-दिन एक किए हुए हैं। किसान नेता नरेश चौधरी ने कहा कि पहलगाम हमला कायराना हरकत है। उन्होंने कहा कि देश एकजुट है, वह ऐसी किसी भी चुनौती से निपटने में सक्षम है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजय वीर सिंह ने कहा कि पहलगाम ही नहीं देश की सीमा के अंदर जब-जब दहशतगर्दी फैलाने की कोशिश की गई है इससे देश एकजुट हुआ है। देश का मनोबल कमजोर पड़ने के बजाय भारत पहले से और मजबूत हो कर उभरता है। राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिद्धू ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है, जबतक खेत में किसान और सीमा पर किसान का बेटा डटा हुआ है देश का बाल बांका नहीं हो सकता। किसान का बेटा ज़मीन को बहुत प्यार करता है, इसलिए सीमा पर जमीन के टुकड़े के लिए प्राण न्यौछावर करने से पीछे नहीं हटता है।


जिला अध्यक्ष राहुल सिद्धू ने देशवासियों का आह्वान किया कि भारत सरकार से जवाबी कार्रवाई के मद्देनजर कड़े फैसले लेने को लेकर बात करनी होगी।हम सभी देशवासियों को एकजुट रहने की जरूरत है, आंतकवाद के ख़िलाफ़ एक साथ बुलंद आवाज़ उठानी होगी,आज़ पूरी दुनिया की नज़र भारत पर टिकी हुई है कि भारत (जम्मू-कश्मीर) पहलगाम नरसंहार की अमानवीय घटना के बाद जब पूरा देश दुःख और क्षोभ में डूबा है। तड़प है, पीड़ा है, क्रोध है, प्रतिकार के लिए देश के कर्णधारों से आह्वान है कि ऐसे में मौजूदा परिस्थिति को वह किस तरह हैंडल करते हैं। क्योंकि उक्त घटना दुखद है, मानवता का अपमान है।

इस अवसर पर विजयवीर सिंह, अरुण सिद्धू,नितिन चौधरी पाटिल चौधरी, नितिन गोस्वामी, इकबाल सैफी, किरन पाल सिंह दरोगा, ओम प्रकाश दरोगा, अभिषेक भुल्लर, समीर चौधरी, नरेश धारीवाल, अमित चीमा,अजब सिंह, हिटलर उपाध्याय आदि किसान लोग मौजूद रहे।