नए पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर एक पूरा अध्याय जोड़ा जाएगा, जिसमें भारतीय सेना की वीरता और देश के प्रति समर्पण की प्रेरणादायक कहानी होगी. राज्य के 451 पंजीकृत मदरसों में वर्तमान में 50 हजार से अधिक छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो अब इस नई पहल के अंतर्गत देशभक्ति से ओतप्रोत इतिहास से रूबरू होंगे. सरकार का यह कदम राष्ट्रवाद और सैन्य गौरव को शिक्षा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है.

भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को एक बार फिर दुनिया के सामने स्पष्ट करते हुए 6 और 7 मई की दरमियानी रात को एक साहसिक सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया. इस ऑपरेशन के तहत भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुल 9 ठिकानों पर सटीक हवाई हमले किए. ये सभी ठिकाने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे भारत-विरोधी आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे.

इस सुनियोजित और रणनीतिक कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया. यह सभी आतंकी गुट भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे और इन्हीं ठिकानों से उन्हें प्रशिक्षण, हथियार और दिशा-निर्देश दिए जा रहे थे. भारतीय खुफिया एजेंसियों से मिली पुख्ता जानकारी के आधार पर इन ठिकानों की पहचान की गई थी, जिसके बाद सेना ने सटीक लक्ष्य साधकर ऑपरेशन को अंजाम दिया.

BBC की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 451 मदरसे मदरसा शिक्षा परिषद (मदरसा बोर्ड) से पंजीकृत हैं, लेकिन करीब 500 मदरसे बिना पंजीकरण के चल रहे हैं.