जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद इंडियन आर्मी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था. इस ऑपरेशन की सफलता को लेकर एक तरफ जहां सरकार देश-विदेश में अभियान चला रही है. वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इससे जुड़े कुछ सवाल उठाए थे. अब इस मसले पर नया विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक कार्टून शेयर करते हुए राहुल गांधी पर निशाना साधा. इसके साथ ही अमित ने निशान-ए-पाकिस्तान -अवार्ड का भी नाम लिया. अब कांग्रेस की तरफ से पलटवार हुआ है. 

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “सत्ता दल गंभीर माहौल में कार्टूनगिरी कर रही है, विपक्ष तो सत्ता दल के साथ खड़ा था लेकिन बीजेपी हमेशा वाहियात हरकत करती है. हमें सेना पर भरोसा है लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व पर भरोसा नहीं है. 4 आतंकी जिन्होंने पहलगाम में मासूम लोगों को मारा था, वो तो भाग गए, उनका क्या हुआ? निशान-ए-पाकिस्तान तो उसको मिलना चिहाए, जो नवाज शरीफ की बिरयानी खाकर आए थे.”

पवन खेड़ा ने कहा, “हम इस देश के राजनीतिक नेतृत्व से पूछना चाहते हैं कि आपने पाकिस्तान को पहले से बताया, क्या यही कारण है कि अजहर मसूद और हाफिज सईद बच पाए? जहां तक ​​निशान-ए-पाकिस्तान का सवाल है, उनके नेता मोरारजी देसाई एकमात्र भारतीय राजनेता थे, जिन्हें यह सम्मान दिया गया था. कुछ और लोग भी निशान-ए-पाकिस्तान के हकदार हैं, जैसे लाल कृष्ण आडवाणी और वह व्यक्ति जो बिना बुलाए नवाज शरीफ के साथ बिरयानी खाने चला गया.”

उन्होंने आगे कहा कि हमें लगता है कि उसे निशान-ए-पाकिस्तान मिलेगा. एक और व्यक्ति है, जो निशान-ए-पाकिस्तान का हकदार है, जिसने ‘कार्रवाई की शुरुआत में’ कहा था. ये विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के शब्द हैं, जिन्होंने पाकिस्तान को बताया था कि हम केवल आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई कर रहे हैं. अमेरिका के साथ उनके बहुत करीबी संबंध हैं. अब देखते हैं कि उन्हें किस देश से क्या सम्मान मिलता है.”