
मुरादाबाद। शनिवार को भारतीय किसान मजदूर यूनियन द्वारा चकबंदी विभाग में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ कलेक्ट्रेट पर धरना एवं प्रदर्शन किया गया। भारतीय किसान मजदूर यूनियन ने डीडीसी चकबंदी व उनके बाबू सुभाष के खिलाफ भ्रष्टाचार एवं रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की, एवं दोनों के विरुद्ध रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति अर्जन के मामले में जांच करवा कर, विधिक कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन सोपा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर ओमवीर सिंह एडवोकेट के नेतृत्व में भारतीय किसान मजदूर यूनियन के बैनर तले, बड़ी संख्या में किसान कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हुए। किसानों और कार्यकर्ताओं का कहना था, कि उनके कार्यकर्ता जाकिर, व रफीक निवासी ग्राम रानीनांगल ने अपने मूल गाटा संख्या 110 को, मूलजोत पर ही अपना चक रखने की मांग की। इस संबंध में जाकिर व रफीक यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर ओमवीर सिंह एडवोकेट के साथ डीडीसी चकबंदी से मिले, और अपना चक मूल गाटे पर ही रखने का अनुरोध किया। जिस पर उन्हें डीडीसी चकबंदी द्वारा अपने बाबू सुभाष से मिलने के लिए कहा गया। यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर ओमवीर सिंह ने बताया, कि बाबू सुभाष ने उक्त काम के लिए एक लाख रुपए रिश्वत की मांग की। कोई रास्ता ना देखकर उनके द्वारा अगले दिन बाबू सुभाष को एक लाख रुपए का लिफाफा दे दिया गया।

किंतु कई दिन बीतने के बाद बाबू सुभाष ने उन्हें बुलाया और कहा कि डीडीसी चकबंदी ने कहा है, कि अगर आप अपना चक मूल गाटे पर ही रखना चाहते हैं, तो चार लाख रुपए और दो। वरना आप अपने एक लाख वापस ले लो क्योंकि दूसरी पार्टी पांच लाख रुपए दे रही है। ठाकुर ओमवीर सिंह ने बताया कि उनके द्वारा विरोध किए जाने पर बाबू सुभाष ने सभी के साथ बदसलूकी की, और कहा कि तुमसे जो हो वह कर लेना, अब तुम्हारे पैसे भी वापस नहीं मिलेंगे।

ठाकुर ओमवीर सिंह ने प्रकरण में डीडीसी चकबंदी मुरादाबाद वह उनके बाबू सुभाष के खिलाफ भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी एवं आय से अधिक संपत्ति जुटाने के संबंध में जांच कर, प्रभावी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।

हालांकि चकबंदी विभाग के बाबू सुभाष ने सभी आरोपो से इनकार करते हुए कहा, कि उक्त फाइल पहले ही प्रक्रिया अनुसार निस्तारित और खारिज की जा चुकी है।