उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या के राम मंदिर के गर्भ गृह में 500 साल पुराना सपना साकार हो रहा है. गुरुवार को शुभ मूहुर्त में रामलला के विग्रह को राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित कर दिया गया. इसके बाद 24 अलग-अलग पद्धतियों से पूजन प्रक्रिया शुरू हुई.

बता दें सभी 131 वैदिक दोपहर 12 बजे राम जन्मभूमि गर्भ गृह पहुंचे. इसके बाद रामलला के विग्रह को गर्भ गृह में स्थापित किया गया. बता दें गुरुवार को 1:20 बजे संकल्प हुआ. उसके बाद गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, वसोर्धारापूजन (सप्त घृत मातृका पूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिचऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश, पृथ्वी- कूर्म- अनन्त- वराह-यज्ञभूमि-पूजन, दिग्ररक्षण, पञ्चगव्य – प्रोक्षण, मण्डपाङ्ग वास्तुपूजन, वास्तु बलिदान, मण्डप सूत्रवेष्टन, दुग्ध- धारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण, द्वार, ध्वज, आयुध, पताका, दिक्पाल, द्वारपालादिपूजा), मूर्ति का जलाधि वास, गन्धादिवास, सायंकालिक पूजन एवं आरती होगी.

इससे पहले बुधवार को जलयात्रा भव्य रूप से हुई. भगवान श्री रामलला जी की मूर्ति की शोभायात्रा उत्साह के साथ सम्पन्न हुई. मण्डप में आनन्द रामायण का पारायण प्रारम्भ हुआ.