बिहार में दो साल बाद फिर सत्ता में उलटफेर होने जा रहा है. हफ्तेभर से चल रहीं अटकलों पर मुहर लगने लगी है. सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि नीतीश कुमार एक बार एनडीए के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं. बीजेपी हाईकमान के साथ फॉर्मूले पर अंतिम मुहर लगना बाकी है. जो खबर आई है, उसके मुताबिक, नीतीश कुमार 9वीं बार सीएम पद की शपथ लेंगे और उनके पुराने सहयोगी-विश्वस्त बीजेपी नेता सुशील मोदी डिप्टी सीएम बन सकते हैं. हालांकि, आरजेडी अंतिम समय तक नीतीश को मनाने की कोशिश है. इसके साथ ही प्लान बी पर काम करने लगी है. सरकार पर संकट की स्थिति में आरजेडी हाईकमान जादुई आंकड़े को जुटाने की कवायद में भी लगा है. आरजेडी ने जीतनराम मांझी के बेटे संतोष मांझी को डिप्टी सीएम का ऑफर किया है. फिलहाल, पटना से लेकर दिल्ली तक हलचल देखने को मिल रही है. बीजेपी, आरजेडी और जेडीयू नेताओं की बैठकें चल रही हैं.

बिहार में सत्ता के उलटफेर की कवायद के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज शाम 4:30 बजे राज भवन जाएंगे. वहां वे गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे.

बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री सुरेंद्र राम ने नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने की अटकलों पर विराम लगाया है. उन्होंने कहा, नीतीश कुमार इंडिया ब्लॉक के साथ मजबूती से खड़ा है. नीतीश बाबू और लालू जी का गठबंधन मजबूत है. इंडिया ब्लॉक के सभी लोग मिलकर बीजेपी को इस बार ढेर करने का काम करेंगे. बिहार की 40 सीट पर इंडिया ब्लॉक का कब्जा होगा. बीजेपी बड़ी पार्टी है, वह सभी छोटी पार्टियों को एक-एक कर खत्म करते जा रही है. लेकिन उसकी इस चाल का बिहार में कोई असर नहीं पड़ेगा. वह लोकसभा चुनाव में नीतीश बाबू को इस्तेमाल करना चाहती है, जिसको वह बखूबी समझते हैं.

चिराग पासवान ने कहा कि हमने पहले ही कह दिया था कि खरमास की समाप्ति के बाद शुभ दिन शुरू होंगे और फिर बिहार की राजनीति में बड़े फेरबदल होंगे. वहीं, JDU ने अपने सभी विधायकों को पटना बुलाया है.

आरजेडी के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सब ऑल इज वेल है, क्या होना है अगले दो-तीन दिनों में सब क्लियर हो जाएगा. पिछले 15 महीने की सरकार ने खूब काम किया है और जैसी अटकलें लगाई जा रही हैं वैसा कुछ नहीं है

महागठबंधन में शामिल होने के एक साल बाद ही नीतीश कुमार विपक्षी एकता में जुट गए थे. उन्होंने ही विपक्षी की 28 पार्टियों को एकजुट किया और इंडिया ब्लॉक के एक मंच पर लाए थे. नीतीश ने जून 2023 में पटना में पहली बैठक की थी. हालांकि, जब गठबंधन में चेयरमैन की बात आई तो ये जिम्मेदारी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी गई. नीतीश को संयोजक बनाए जाने की खबरें थीं. हालांकि, नीतीश शुरू से कहते आ रहे थे कि वे ना पीएम मैटेरियल हैं और ना कोई पद लेना चाहते हैं. नीतीश की नाराजगी की एक अन्य वजह यह भी बताई जा रही है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 30 जनवरी को बिहार में एंट्री कर रही है, लेकिन कांग्रेस ने नीतीश को न्योता दिया. 

बिहार में दो साल से भी कम समय में राजनीतिक उठापटक हो रही है. 26 अगस्त 2022 को नीतीश ने एनडीए का साथ छोड़ा था और महागठबंधन में शामिल हो गए थे. नीतीश ने 8वीं बार सीएम पद की शपथ ली थी और आरजेडी से तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम की शपथ ली थी. नीतीश इससे पहले भी लंबे समय तक एनडीए का हिस्सा रहे हैं.