पतंजलि विज्ञापन मामले में आज योग गुरु रामदेव (Baba Ramdev), पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) के प्रबंध निदेशक (एमडी) आचार्य बालकृष्ण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्‍ण के प्रति नाराजगी जताई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता. आपके खेद जताने के तरीके को हम मंजूर नहीं कर सकते. 21 नवंबर के कोर्ट के आदेश के बाद भी अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस की गई. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छापे जा रहे थे. इस पर रामदेव के वकील ने कहा कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा. पहले जो गलती हो गई, उसके लिए माफी मांगते हैं.

पतंजलि के भ्रामक विज्ञापनों के प्रकाशन के मामले में योग गुरु बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में माफी मांगी. दोनों ने कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगी है. 

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा, “21 नवंबर के कोर्ट के आदेश जारी करने के बाद अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस की गई. इसमें बालकृष्ण और रामदेव मौजूद थे. आपकी माफी पर्याप्त नहीं है, क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छाप रहा था. आपका मीडिया विभाग आपसे अलग नहीं है. आपने ऐसा क्यों किया..? आपको नवंबर में चेताया गया था, इसके बावजूद आपने प्रेस कॉफ्रेंस की… इसलिए आप कार्रवाई के लिए तैयार रहिए. ये देश की सबसे बड़ी अदालत है. आपने एक्ट का उलंघन कैसे किया…? आपने कोर्ट को अंडरटेकिंग देने के बाद भी उलंघन किया. आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं.”

पतंजलि ने कोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी

इससे पहले पतंजलि आयुर्वेद के आचार्य बालकृष्ण ने कई गंभीर बीमारियों के इलाज में औषधीय प्रभावकारिता का दावा करने वाली कंपनी के हर्बल उत्पादों का विज्ञापन करने और चिकित्सा की अन्य प्रणालियों को कमजोर करने के लिए उच्चतम न्यायालय में बिना शर्त माफी मांगी है. बालकृष्ण की तरफ से 19 मार्च को दाखिल हलफनामे में कहा गया, “प्रतिवादी संख्या 5 (पतंजलि) की ओर से अभिसाक्षी 21 नवंबर, 2023 के आदेश के पैरा 3 में दर्ज बयान के उल्लंघन के लिए इस माननीय न्यायालय के समक्ष बिना शर्त माफी प्रस्तुत करता है.” बालकृष्ण ने कहा कि वह यह सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में ऐसे विज्ञापन जारी नहीं किए जाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के उत्पादों और उनके चिकित्सकीय प्रभावों के विज्ञापनों से संबंधित अवमानना कार्यवाही के मामले में आज योग गुरु रामदेव और कंपनी के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण से व्यक्तिगत रूप से अपने समक्ष पेश होने के लिए कहा था. न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कंपनी और बालकृष्ण को पहले जारी किए गए अदालत के नोटिसों का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताई थी. उन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया था कि अदालत को दिए गए वचन का प्रथम दृष्टया उल्लंघन करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए. पीठ ने रामदेव को भी नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए.