दिल्ली हाई कोर्ट ने आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) का उल्लंघन करने का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छह साल के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता ने पीएम मोदी पर  उत्तर प्रदेश में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते समय आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. एडवोकेट आनंद एस जोंधले द्वारा दायर याचिका में प्रधानमंत्री को छह साल की अवधि के लिए चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी.

आनंद ने अपनी याचिका में कहा था कि पीएम मोदी ने 6 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के पीलभीत में एक चुनावी रैली के दौरान हिंदू देवताओं और सिख गुरुओं का जिक्र किया था. प्रधानमंत्री मोदी ने पीलभीत से भाजपा उम्मीदवार जितिन प्रसाद के समर्थन में रैली के दौरान कहा था, ‘उन्होंने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को अस्वीकार करके राम लला का अपमान किया. समारोह में शामिल होने वाले उनकी पार्टी के लोगों को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया. इंडिया ब्लॉक में शामिल पार्टियों ने हमेशा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से नफरत की है.’ 

उन्होंने आगे कहा था कि इंडिया गुट ने ‘शक्ति’ को नष्ट करने का फैसला किया है. पीएम मोदी ने राहुल गांधी के बयान का जिक्र करते हुए कहा था, ‘जिस शक्ति की पूजा आज पूरे देश में हो रही है, उसका कांग्रेस ने अपमान किया है. कोई भी शक्ति का उपासक कांग्रेस को कभी माफ नहीं करेगा.’ दरअसल, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के मौके पर 17 मार्च 2024 को मुंबई के शिवाजी पार्क में कांग्रेस ने रैली का आयोजन किया था. इस रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘हिंदू धर्म में शक्ति शब्द होता है. हम शक्ति (BJP) से लड़ रहे हैं, एक शक्ति से लड़ रहे हैं. अब सवाल उठता है, वो शक्ति क्या है? जैसे किसी ने यहां कहा- राजा की आत्मा ईवीएम में है. सही है, सही है. राजा की आत्मा ईवीएम में है. हिंदुस्तान की हर संस्था में है. ईडी में है, सीबीआई में है, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में है.’