दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी विभव कुमार पर मारपीट का आरोप लगाने वाली आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल एक बार फिर सुर्खियों में हैं. मालीवाल ने इंडिया ब्लॉक के सभी बड़े नेताओं को चिट्ठी लिखी है.

स्वाति मालीवाल ने राहुल गांधी और शरद पवार को लिखी इस चिट्ठी में कहा है कि मैंने नौ सालों तक दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्षता की है. इस दौरान  मैंने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ 1.7 लाख से अधिक शिकायतों पर काम किया है. लेकिन दुर्भाग्य से सांसद बनने के बाद 13 मई को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के PA ने मुझसे मारपीट की. इस घटना के बाद मैंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराने का कदम उठाया. लेकिन ऐसी स्थिति में मेरा समर्थन करने के बजाए मेरी खुद की पार्टी के नेताओं और वॉलिटेयर्स ने मेरा चरित्र हनन किया गया.

मालीवाल ने कहा कि मेरी प्रतिष्ठा, चरित्र और विश्वसनीयता को धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया पर दु्ष्प्रचार शुरू किया गया. मेरे खिलाफ फैलाए गए झूठ की वजह से मुझे रेप और हत्या की धमकियां मिल रही हैं.

मालीवाल ने कहा कि मैं चाहती हूं कि इस मामले पर चर्चा के लिए मुझे आपसे मिलने का समय मिले. मुझे आपके जवाब का इंतजार रहेगा.

आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सीएम आवास में उनके साथ मारपीट का आरोप लगाया है. उन्होंने ये आरोप केजरीवाल के करीबी विभव कुमार पर लगाए हैं. पार्टी के नेता संजय सिंह ने बाद में बताया था कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वाति मालीवाल के साथ हुई घटना को संज्ञान में लिया है और वो इस मामले में सख्त कार्रवाई करेंगे.

संजय सिंह ने बताया था कि स्वाति मालीवाल सोमवार को सीएम केजरीवाल से मिलने आई थीं. वो ड्राइंग रूम में इंतजार कर रही थीं. तभी विभव कुमार वहां पहुंचे और उन्होंने स्वाति मालीवाल के साथ अभद्रता की.

इससे पहले सोमवार को दिल्ली पुलिस ने बताया था कि स्वाति मालीवाल सिविल लाइन्स थाने आई थीं और सीएम हाउस में मुख्यमंत्री केजरीवाल के पर्सनल स्टाफ के एक सदस्य पर मारपीट का आरोप लगाया था. इस मामले में एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच कर रही है.

स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के आरोपी विभव कुमार दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं. बीती 18 मई तो तीस हजारी कोर्ट ने उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. उन्हें शनिवार दोपहर को हिरासत में लिया गया था. इसके बाद सिविल लाइन पुलिस स्टेशन में पूछताछ के बाद शाम 4.15 बजे अरेस्ट कर लिया गया था. तीस हजारी कोर्ट में उन्होंने अंतरिम जमानत याचिका भी दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था.