जम्मू में आतंकवादी हमलों की बढ़ती घटनाओं से सेना से लेकर पुलिस तक की टेंशन बढ़ गई है. एक महीने के भीतर जम्मू क्षेत्र में पांच बड़े आतंकी हमलों ने एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. महीनेभर पहले रियासी बस अटैक के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को संदिग्धों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं. हमले में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान में बैठे आकाओं की भूमिका सामने आ रही है. जांच में यह भी सामने आ रहा है कि पाकिस्तान से जम्मू तक कैसे आतंकी मॉड्यूल काम कर रहा है और स्थानीय स्तर पर लोग कैसे आतंकी नेटवर्क को पनपने में मददगार बन रहे हैं.

बता दें कि 9 जून को कटरा में शिव खोरी मंदिर से माता वैष्णो देवी मंदिर की ओर जा रही बस पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था. ये घटना रियासी इलाके में हुई थी. बस में यूपी, दिल्ली, राजस्थान समेत अन्य जगहों के तीर्थयात्री सवार थे. आतंकवादियों ने सबसे पहले बस ड्राइवर को निशाना बनाया था. घटना में बस खाई में गिर गई थी. उसके बाद आतंकवादियों ने बस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की. गोलीबारी में 9 लोग मारे गए थे और 41 घायल हो गए थे. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस मामले की जांच एनआईए को सौंपी है. मामले में गिरफ्तार संदिग्ध आरोपी से एनआईए की टीम ने लंबी पूछताछ की है. आरोपी ने प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पाकिस्तान में बैठे आकाओं की भूमिका के बारे में बताया है. जांच में सामने आ रहा है कि कठुआ हमला हो या डोडा की घटना… इन सारी घटनाओं में पाकिस्तान का आतंकी मॉड्यूल कैसे काम रहा है. हमले का प्लान लेकर आने वाले आतंकी कैसे बॉर्डर से एंट्री कर रहे हैं. इन आतंकियों को उनके आका कैसे हैंडल करते हैं. हमले से पहले कैसे रेकी की जाती है और कैसे लोकल मॉड्यूल का इस्तेमाल कर टेरर नेटवर्क चलाया जा रहा है. हालांकि, जांच एजेंसियों का एक्शन तेज हो गया है और संदिग्धों से लगातार पूछताछ की जा रही है. 

जांच अधिकारियों का कहना था कि बस हमले में करीब तीन आतंकवादी शामिल हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि हाकम खान उर्फ ​​हाकिन दीन से पूछताछ में पता चला है कि उसने आतंकवादियों को आश्रय दिया. इसके अलावा, रसद और भोजन भी उपलब्ध कराया था. इतना ही नहीं, हाकम खान ने इलाके की रेकी करने में भी आतंकवादियों की मदद की थी. वो आतंकवादियों के साथ भी गया था. हमले में शामिल आतंकवादी 1 जून से कम से कम तीन मौकों पर हाकम खान के साथ रुके थे.

हाकम खान की सूचना के आधार पर एनआईए ने 30 जून को हाइब्रिड आतंकवादियों और उनके ओवरग्राउंड सहयोगियों से जुड़े पांच जगहों पर छापे मारे और तलाशी ली. हाकम खान से पूछताछ में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के दो कमांडरों सैफुल्ला उर्फ ​​साजिद जट और अबू काताल उर्फ ​​काताल सिंधी की भूमिका के बारे में भी पता चला है. माना जा रहा है कि आतंकवादी पाकिस्तान में बैठे अपने इन आकाओं के निर्देश पर काम कर रहे थे. अधिकारी का कहना है कि इस पहलू का और सत्यापन किया जा रहा है.

बताते चलें कि 2023 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में नागरिकों पर हमले से संबंधित जांच के सिलसिले में एनआईए ने इस साल दायर आरोप पत्र दायर किया है. इसमें लश्कर कमांडर साजिद जट और अबू काताल का नाम भी शामिल किया है. 1 जनवरी, 2023 को राजौरी के ढांगरी गांव पर आतंकवादियों ने हमले कर दिया था. इसमें अल्पसंख्यक समुदाय के कुल सात लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे. आतंकवादियों की गोलीबारी में पांच नागरिक मौके पर ही मारे गए थे. अगले दिन आईईडी विस्फोट में दो की जान चली गई थी.

एनआईए ने कहा, हमें जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों में किसी भी कॉमन एंगल का पता लगाना बाकी है. जांच एजेंसी ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुंछ में सेना के काफिले पर हुए आतंकी हमले की जांच के लिए भी मामला दर्ज करने का फैसला किया है, जिसमें पांच जवान मारे गए थे. अधिकारियों ने कहा कि जांच में जम्मू-कश्मीर में हाल के आतंकवादी हमलों के साथ पिछले साल के हमले में किसी भी कॉमन एंगल का पता लगाया जाएगा. मामले में पाकिस्तान स्थित आकाओं की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है. 20 अप्रैल, 2023 को पुंछ जिले के भाटा धुरियन इलाके में एक आतंकवादी हमले के बाद वाहन में आग लगने से पांच जवानों की मौत हो गई थी और एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया था.

वहीं, दो दिन पहले कठुआ में सेना के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले की जांच में जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद के लिए एनआईए ने मंगलवार को अपने अधिकारियों की एक टीम भी मौके पर भेजी. खबर यह भी है कि करीब 4-5 हफ्ते पहले आतंकवादियों का ग्रुप इंटरनेशनल बॉर्डर से पार होकर घुसा था. उसके बाद उधमपुर में एनकाउंटर के बाद आतंकवादियों का यह ग्रुप दो हिस्सों में बंट गया था. एक ग्रुप का डोडा में पहले ही सफाया हो चुका है. अब यह दूसरा ग्रुप हो सकता है. जम्मू में आतंकियों को स्थानीय लोगों का सपोर्ट मिल रहा है. पाकिस्तान, कश्मीर टाइगर्स नामक आतंकी संगठन की मदद से हमले कर रहा है. इसी ने कठुआ हमले की जिम्मेदारी ली है. यह जैश-ए-मुहम्मद संगठन से कनेक्ट है.