
वित्त वर्ष 2023-24 के लिए आर्थिक सर्वे (Economic Survey) को पेश कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में पिछले वित्त वर्ष के लिए आर्थिक सर्वेक्षण को पेश किया है. सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की जीडीपी 6.5 – 7 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं महंगाई दर ( Inflation Rate) के 4.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है जबकि वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर 4.1 फीसदी रहने का अनुमान है. आर्थिक सर्वे में जो भी कुछ अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सुझाव दिए गए हैं उसकी झलक बजट में दिखेगी.
कृषि छोड़ रहे लेबर के लिए रोजगार की जरूरत!
रोजगार को लेकर आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि, सर्विसेज सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार सृजण करने वाला सेक्टर है. इंफ्रास्क्ट्रक्चर को मजबूत करने के सरकार के जोर के चलते कंस्ट्रक्शन सेक्टर तेजी के साथ विकास कर रहा है. सर्वे के मुताबिक कंस्ट्रक्शन सेक्टर के रोजगार असंगठित होते हैं साथ ही वेतन बेहद कम होता है ऐसे में कृषि छोड़ रहे लेबर फोर्स के लिए रोजगार के नए अवसर की जरूरत है. सर्वे में कहा गया है कि पिछले एक दशक में खराब लोन की विरासत के चलते पिछले एक दशक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में कम रोजगार का सृजण हुआ है लेकिन वित्त वर्ष 2021-22 से इस सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़े हैं.
सर्वे के मुताबिक खाद्य महंगाई पिछले दो सालों से पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनी हुई है. भारत में कृषि क्षेत्र को खराब मौसम का शिकार होना पड़ा है. जलाशय में कमी आ गई तो फसल को नुकसान हुआ है जिससे खाद्य उत्पादन में कमी आ गई तो खाद्य वस्तुओं की कीमतें इसके चलते बढ़ गई. इसका नतीजा ये हुआ कि खाद्य महंगाई दर वित्त वर्ष 2022-23 में 6.6 फीसदी थी वो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़कर 7.5 फीसदी पर जा पहुंची है.
महंगाई में आई कमी
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, कोरोना महामारी, वैश्विक तनाव, सप्लाई-चेन डिरप्शन, असमान मानसून के चलते महंगाई में बढ़ोतरी देखी गई थी. अंतरराष्ट्रीय युद्ध और खराब मौसम के चलते खाद्य वस्तुएं महंगी हो गई जिससे भारत में गुड्स और सर्विसेज महंगी हो गई. लेकिन प्रशासनिक और मॉनिटरी पॉलिसी एक्शन के जरिए देश में महंगाई पर काबू पाने में सफलता मिली है. वित्त वर्ष 2022-23 में महंगाई दर 6.7 फीसदी रही थी उसे घटाकर वित्त वर्ष 2023-24 में 5.4 फीसदी पर लाने में सफलता मिली है.
शहरी-ग्रामीण खपत में तेजी
डिमांड के मोर्चे पर, आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि, जीडीपी ग्रोथ में निजी खपत में बढ़ोतरी बेहद महत्वपूर्ण है. प्राइवेट पाइल कंजप्शन एक्सपेंडिचर (PFCE) वित्त वर्ष 2023-24 में 4 फीसदी के दर से बढ़ा है. शहरी इलाकों में डिमांड बेहद मजबूत है जो कि अर्बन कंजम्प्शन इंडीकेटर्स से पता लगता है जिसमें घरेलू पैसेंजर व्हीकल्स सेल्स और एयर पैसेंजर ट्रैफिक शामिल है. वित्त वर्ष की चौथी तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान ग्रामीण इलाकों में भी खपत में तेजी लौटती नजर आ रही है. फाडा के मुताबिक टू-व्हीलर्स, थ्री-व्हीलर्स और पैसेंजर व्हीकल्स सेल्स में बढ़ोतरी देखने को मिली है.
23 जुलाई को बजट होगा पेश
इकोनॉमिक सर्वे पेश होने के बाद मंगलवार 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी. ये लगातार सातवां मौका होगा जब निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी.