शेयर बाजार में सोमवार को भयंकर गिरावट (Stock Market Crash) आई और निवेशकों के बीच हाहाकार मच गया. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स (Sensex) 2600 अंक तक, तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) 700 अंक से ज्यादा फिसलकर कारोबार कर रहा था. शेयर मार्केट में इस गिरावट के लिए अमेरिका में मची हलचल को वजह बताया जा रहा है. आइए 5 पॉइंट में समझते हैं कि आखिर US में ऐसा क्या हुआ है, जिसके असर से भारतीय शेयर बाजार बिखर गया? 

निवेशकों को 18 लाख करोड़ रुपये का फटका!
सबसे पहले बात कर लेते हैं शेयर बाजार (Share Market) के ताजा हालात पर, तो बता दें कि बीएसई का सेंसेक्स करीब 1300 अंक की गिरावट के साथ ओपन हुआ था और देखते ही देखते ये 2400 अंक से ज्यादा फिसलकर 78,295.86 के दिन के निचले स्तर तक फिसल गया था. वहीं दूसरी ओर निफ्टी भी 720 अंक तक गिरकर 24,000 के लेवल से नीचे 23,893.70 के स्तर तक टूट गया. शेयर मार्केट क्रैश होने से निवेशकों की करीब 17 लाख करोड़ रुपये की रकम झटके में साफ हो गई. BSE MCap बीते शुक्रवार के 457.16 लाख करोड़ रुपये की तुलना में घटकर 440 लाख करोड़ रुपये रह गया. 

देखते ही देखते बिखर गए विदेशी बाजार 
भारतीय शेयर बाजार ही नहीं बल्कि विदेशी बाजारों में भी भारी तबाही मची है. अमेरिका से लेकर जापान तक के शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. Japan Stock Market तो 10 फीसदी तक टूट गया.जापान में ये करीब 3 दशक की सबसे बड़ी गिरावट है. दूसरी ओर Dow Jones 1.51 फीसदी फिसला, तो वहीं Nasdaq Composite में 2.43 फीसदी की बड़ी गिरावट आई. यही नहीं S&P 500 भी 1.84 अंक तक टूट गया. 

अमेरिका में आखिर ऐसा क्या हुआ? 
अब बात करते हैं कि अमेरिका में ऐसा क्या हुआ है, जिससे भारतीय शेयर बाजार धराशायी नजर आ रहा है. तो बता दें कि अमेरिका में मंदी के डर (US Recession) के बाद शुक्रवार को बाजार में बड़ा नुकसान हुआ था, वहीं दूसरी ओर अमेरिका में पॉलिसी रेट में कटौती में हो रही देरी के अलावा एआई और चिप वाले शेयरों में जोरदार बिकवाली भी गिरावट के बड़े कारणों में से एक रहे. खासतौर पर अमेरिकी में मची इस हलचल का असर भारत समेत दुनियाभर के बाजारों में दिखाई दे रहा है.

अमेरिका में मंदी की आहट के साथ ही बाजार में गिरावट के ये 5 बड़े कारण… 

पहला कारण- अमेरिका में बेरोजगारी दर 3 साल के हाई पर पहुंची. अमेरिका में बेरोजगारी दर 4.3 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है, जो कि अक्टूबर 2021 के बाद अमेरिका में बेरोजगारी का सबसे बड़ा आंकड़ा है.

दूसरा कारण- US में मैन्‍यूफैक्‍चरिंग PMI डाटा में बड़ी कमी आई है. नए ऑर्डर में कमी के कारण जुलाई में US Manufacturing PMI आठ महीने के निचले स्तर पर आ गया है. इंस्टीट्यूट फॉर सप्लाई मैनेजमेंट (ISM) के मुताबिक, जुलाई में ये 46.8 पर आ गया, जो नवंबर के बाद से सबसे कम रीडिंग है, जबकि जून में यह 48.5 रहा था. 

तीसरा कारण- अमेरिकी आईटी कंपनियों में छंटनी का माहौल चल रहा है. कई बड़ी कंपनियों में हलचल देखने को मिली है और IT सेक्‍टर में छंटनी के ऐलान से ग्‍लोबल आईटी सेक्‍टर दबाव में बना हुआ है. 

चौथा कारण- जापानी करेंसी Yen में अमेरिका डॉलर (US Dollar) के मुकाबले मजबूती देखने को मिली है. ऐसे में जापान में येन Carry Trade खत्म होने का खतरा तो बढ़ा ही है, बल्कि इससे बिकवाली बढ़ने की आशंका भी गहरा गई है. 

पांचवां कारण- इन सब कारणों के अलावा ग्लोबल टेंशन भी कहीं ना कहीं दुनिया भर के शेयर बाजारों पर अपना असर डालती हुई नजर आ रही है. इजरायल, हमास और ईरान के बीच तनाव बढ़ने की आशंका इसमें शामिल है.