
सुप्रीम कोर्ट ने 17 महीने से जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को जमानत दे दी है. उन्हें जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी में जश्न का माहौल है. उच्चतम न्यायालय से सिसोदिया को जमानत मिलने के बाद संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने कहा कि सिसोदिया के 17 महीनों का जवाब कौन देगा.
आप नेता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘देखिए, ये सत्य की जीत हुई है. मैंने पहले भी कहा था कि इस मामले में कोई भी सत्या, कोई भी तथ्यता नहीं थी. जबरदस्ती हमारे नेताओं को पकड़-पकड़कर जेल में रखा गया. सिसोदिया को 17 महीनों तक जेल में रखा गया है, क्या पीएम उनके इन 17 महीनों का हिसाब देंगे. ये 17 महीनों दिल्ली के अच्छा कामों में काम आता जो बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में काम आता. आपने मनीष की जिंदगी के 17 महीने जेल में डालकर बर्बाद कर दिए’.
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए कहा कि लंबे वक्त के बाद एक फैसला आम आदमी पार्टी पक्ष, सिसोदिया के पक्ष में आया है. इस फैसले से एक-एक कार्यकर्ता उत्साहित है. हमारे मुखिया अरविंद केजरीवाल को अभी-भी जेल में रखा है, सत्येंद्र जैन को अभी-भी जेल में रखा है.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा कि 17 महीने की लंबी कैद और मुकदमा शुरू न होने के कारण उन्हें सुनवाई के अधिकारों से वंचित किया गया है. इससे पहले अदालत ने सिसोदिया की जमानत याचिका पर 6 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इन शर्तों पर मिली जमानत
अदालत ने सिसोदिया को जमानत देते हुए दो बड़ी शर्तें भी लगाई हैं. उन्हें अपना पासपोर्ट जमा करना होगा. उन्हें हर सोमवार और गुरुवार को थाने में जाकर हाजिरी भी लगानी होगी.
अदालत ने उन्हें जमानत देते हुए कहा कि वो समाज के सम्मानित व्यक्ति हैं और उनके भागने की आशंका भी नहीं है. साथ ही ये भी कहा कि इस मामले में ज्यादातर सबूत भी जुटाए जा चुके हैं, इसलिए उनके साथ छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं है. हालांकि, गवाहों को प्रभावित करने या डराने के मामले में उनपर शर्तें लगाई जा सकती हैं.
बता दें कि दिल्ली के कथित शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया को पिछले साल 26 फरवरी को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद 9 अक्टूबर को ईडी ने भी सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था.