अमरोहा। दिल्ली ब्लास्ट में अमरोहा के दो लोगों की मौत के बाद परिजनों में ग़म और ग़ुस्से का माहौल है। मंगलवार को सुबह शव हसनपुर पहुंचने पर मृतक अशोक गुज्जर और लोकेश अग्रवाल को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर ग्रामीणों के हंगामे के बाद प्रशासन को हालात संभालने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी।दिल्ली ब्लास्ट में मारे गए अमरोहा के दो लोगों के शव हसनपुर पहुंचे तो ग्रामीण सड़कों पर उतर आए।


किसान नेता दिग्विजय भाटी ने सरकार से पुलवामा आतंकी घटना में मारे गए पर्यटकों की तरह दिल्ली ब्लास्ट के मृतकों को भी शहीद का दर्जा देने व तीस लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और नारेबाजी शुरू कर दी।


सूचना मिलते ही एसडीएम पुष्कर नाथ चौधरी और हसनपुर सीओ दीप कुमार पंत ने मौके पर पहुंचकर परिजनों से वार्ता की तथा मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दस लाख रुपये और कृषक दुर्घटना योजना के तहत पांच लाख रुपये की शासन को संस्तुति करने का आश्वासन लोगों को दिया। एसडीएम ने बताया कि प्रशासन की ओर से जो भी सहायता संभव होगी, दी जाएगी। फिलहाल गांव में माहौल गमगीन है और ग्रामीणों ने सरकार से दोनों मृतकों को शहीद का दर्जा देने और परिवारों को स्थायी आर्थिक मदद देने की मांग दोहराई है।

गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के समीप हुए शाम को हुए बम ब्लास्ट में हसनपुर (अमरोहा) तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मंगरौला निवासी अशोक कुमार गुज्जर (34) तथा हसनपुर रहरा अड्डा निवासी खाद कारोबारी लोकेश अग्रवाल (58) की मौत हो गई थी। आज़ सुबह दोनों शव हसनपुर पहुंचने पर माहौल गमगीन और गुस्से में तब्दील हो गया।
