
लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जैसे ही दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया। जिस पर लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को लताड़ लगाई और कहा कि सदन में विपक्ष का आचरण लोकतंत्र के मूल्यों के अनुरूप नहीं रहा। ये संसद की गरिमा के अनुसार नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की जनता देख रही है कि किस तरह से अहम मुद्दों पर चर्चा को बाधित किया जा रहा है। लोकसभा स्पीकर ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान सिर्फ 37 घंटे ही चर्चा हो सकी। जिसमें लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए और 55 सवालों के ही मौखिक जवाब दिए गए। इसके बाद लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस दौरान पीएम मोदी भी सदन में मौजूद रहे।
विपक्ष द्वारा गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को हटाने संबंधी विधेयक को फाड़े जाने पर भाजपा सांसद शशांक मणि ने कहा, ‘यह बहुत गलत आचरण है। मैं समझता हूं कि इस प्रकार का आचरण विश्व की सबसे बड़ी पंचायत में शोभा नहीं देता। आज की तारीख में पूरी विश्व की नजर हमारी पंचायत पर है. जनता देख रही है और इनको अगले चुनाव में सबक सिखाएगी।’