
यूपी के आगरा में यमुना नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़कर 500.02 फीट पहुंच गया है. जबकि, खतरे का निशान मात्र 499 फीट है. इससे नदी के किनारे बसे कई कस्बे, कॉलोनियां और गांव जलमग्न हो गए हैं, जैसे- राजश्री कॉलोनी, अमर विहार और कैलाश मंदिर. मंदिर के तो गर्भगृह तक पानी पहुंच गया है. कहीं-कहीं 3 से 5 फीट तक पानी जमा है. खतरे को देखते हुए प्रशासन ने बिजली बंद कर दी है. वहीं, करीब 20 परिवार पलायन कर चुके हैं. उधर, ताजमहल के पीछे की दीवार तक पानी पहुंच गया है.
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, रविवार को यमुना का जलस्तर 499.11 फीट था, जो बाद में लगातार बढ़कर ऊपर पहुंचते-पहुंचते 500 फीट को पार कर चुका है. कैलाश गांव में देर रात तक एटीएम फाइनेंस राजस्व विभाग की टीमों के साथ व्यवस्था बनाने में जुटे रहे.
आपको बता दें कि आगरा के सदर तहसील के गांव— जैसे धनोरा, कैलाश, नियर आदि—साथ ही फतेहाबाद और एत्मादपुर तहसील के कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं. मेहरा नाहरगंज में 40 लोग विस्थापित हुए और प्राथमिक विद्यालय में ठहराए गए, जहां खाना-पीना की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई. जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने प्रभावित व संभावित क्षेत्र का दौरा कर सभी सरकारी विभागों को अलर्ट पर रखा है.
ताजमहल की सुरक्षा संरचना में कोई क्षति नहीं हुई है, क्योंकि यह बाढ़ के दृष्टिगत पूर्व से ही तैयार की गई है. फिर भी, ताजमहल के पीछे की दीवार पर यमुना का पानी टकरा रहा है और मेहताब बाग में लगभग 2 फीट पानी बह रहा है. दशहरा घाट पूरी तरह जलमग्न है, जहां श्रद्धालु अब जल पुलिस की सहायता से पहुंच रहे हैं. भले ही ताजमहल संरक्षित है, लेकिन आसपास स्थित अन्य पुरातात्विक और धार्मिक स्थलों- जैसे इटमाद-उद-दौला, पर पानी का असर पड़ा है.