
रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी से 17,000 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) पूछताछ कर रही है. संघीय जांच एजेंसी ने 1 अगस्त को उन्हें समन जारी करके आज अपने नई दिल्ली दफ्तर में हाजिर होने के लिए कहा था. वह मंगलवार सुबह मुंबई से फ्लाइट लेकर दिल्ली पहुंचे और पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर में पेश हुए.
पूछताछ का नेतृत्व असिस्टेंट डायरेक्टर रैंक के अफसर द्वारा किया जा रहा है. वहीं डेप्यूटी डायरेक्टर और जॉइंट डायरेक्ट रैंक के अधिकारी इस इंटेरोगेशन की निगरानी कर रहे हैं. ईडी ने कुछ दिन पहले ही अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े 35 ठिकानों और व्यक्तियों के यहां छापेमारी की थी और महत्वपूर्ण दस्तावेज, कम्प्यूटर हार्ड ड्राइव समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जब्त किए थे. जांच एजेंसी ने बैंकों को पत्र लिखकर अनिल अंबानी की कंपनियों को अप्रूव्ड लोन का ब्योरा भी मांगा है.
ईडी ने 12-13 सार्वजनिक और निजी बैंकों को पत्र लिखकर रिलायंस हाउसिंग फाइनेंस, रिलायंस कम्युनिकेशंस और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस को दिए गए लोन पर की गई उचित जांच-पड़ताल का विवरण मांगा है. सूत्रों ने बताया कि भारतीय स्टेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, यूको बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक से भी विवरण मांगा गया है.
ईडी की प्रारंभिक जांच में येस बैंक से लगभग 3,000 करोड़ रुपये के अवैध लोन ट्रांसफर (2017 से 2019 की अवधि) का पता चला है. बाद में अधिकारियों को रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड से जुड़े 14,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन फ्रॉड के बारे में पता चला. इसके बाद गत 24 जुलाई को ईडी ने दिल्ली और मुंबई में कम से कम तीन दिनों तक 35 ठिकानों पर छापेमारी की, जो 50 कंपनियों और 25 लोगों से जुड़े हैं.
अनिल अंबानी की कंपनियों के कई अधिकारियों के यहां भी ईडी ने छापे मारे थे और 25 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की थी. इस कार्रवाई के बाद अनिल अंबानी की कंपनियों के शेयर बुरी तरह टूट गए. रिलायंस इंफ्रा से लेकर रिलायंस पावर तक के शेयरों में लोअर सर्किट लग गया. पिछले पांच दिनों में ही रिलायंस पावर का शेयर 11 फीसदी से ज्यादा टूट चुका है. वहीं रिलायंस इंफ्रा के शेयर में 10 फीसदी की गिरावट आई है.
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