
विपक्षी सांसदों ने सोमवार को बिहार में मतदाता सूची संशोधन और कथित ‘वोट चोरी’ के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने बीच में रोककर सभी को हिरासत में ले लिया. इस मार्च में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई विपक्षी दलों के सांसद शामिल थे.
मार्च के दौरान मीडिया ने राहुल गांधी से पूछा कि चुनाव आयोग ने आपको नोटिस का जवाब देने को कहा है और आप जवाब नहीं दे रहे हैं. राहुल गांधी ने जवाब देते हुए कहा, ‘ये चुनाव आयोग का डेटा है, मेरा डेटा थोड़ी है जो मैं साइन करूं. हमने आपको ही दिया है, आप अपनी वेबसाइट पर डाल दीजिए, सबको पता लग जाएगा. ये सिर्फ बेंगलुरु में नहीं, देश के अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ है. चुनाव आयोग जानता है कि उसका डेटा फटेगा, इसलिए उसे कंट्रोल और छिपाने की कोशिश हो रही है.’
दरअसल कर्नाटक की वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने कड़ा रुख दिखाया है. आयोग ने कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर कहा है कि उन्होंने मतदाताओं के नाम, पते और पहचान में धांधली के जो आरोप लगाए हैं, उनके सबूत पेश करें और शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें. अगर वे ऐसा नहीं करते, तो अपने बयान वापस लें और जनता को गुमराह करना बंद करें.
संसद मार्ग पर पीटीआई बिल्डिंग के पास पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रास्ता रोक दिया. इसके बाद कई सांसद सड़क पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. टीएमसी की महुआ मोइत्रा, कांग्रेस की संजना जाटव और जोठिमणि समेत कुछ महिला सांसद बैरिकेड पर चढ़कर चुनाव आयोग के खिलाफ नारे लगाने लगीं. पुलिस सभी को बसों में बैठाकर संसद मार्ग थाने ले गई, जहां बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.