
राजधानी दिल्ली इस समय बाढ़ के भीषण संकट से जूझ रही है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और इसका असर सीधे प्रशासनिक और आम जनजीवन पर दिखाई देने लगा है. हालात इतने गंभीर हो चुके हैं कि दिल्ली सचिवालय तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है, वहीं मयूर विहार फेज-1 में बनाए गए राहत कैंप भी डूब गए हैं. स्वामी नारायण मंदिर, फुटओवर ब्रिज और सिविल लाइंस इलाके में भी पानी भर गया है. यहां बंगलों में भी पानी भर चुका है.
दूसरी ओर, एनएच-44 पर अलीपुर के पास फ्लाईओवर का हिस्सा धंस गया, जिसमें एक वाहन फंस गया और ड्राइवर घायल हो गया. सचिवालय, रिलीफ कैंप और सड़कों तक पानी घुसने से यह साफ है कि राजधानी दिल्ली इस समय बाढ़ के कहर की मार झेल रही है और लोगों के सामने सुरक्षा के साथ-साथ आवाजाही की भी बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. गीता कॉलोनी में बाढ़ का पानी परिसर में भर जाने से अंतिम संस्कार रोक दिए गए हैं.
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 4 सितंबर 2025 को सुबह 10 बजे ओल्ड रेलवे ब्रिज (ORB) पर 207.47 मीटर दर्ज किया गया है. वहीं, हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 1,33,995 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जबकि वजीराबाद बैराज से 1,93,090 क्यूसेक और ओखला बैराज से 2,44,478 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज दर्ज किया गया. लगातार बैराजों से हो रहे पानी के बहाव के चलते दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है और निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बरकरार है.
दिल्ली सचिवालय के पास यमुना का पानी पहुंच चुका है. यमुना फ्लड प्लेन से सटे दिल्ली सचिवालय के अंडरपास में पानी भर रहा है, जिसे निकालने के लिए Suction पाइप्स भी लगाए गए हैं, लेकिन फिलहाल पानी भरा नजर आ रहा है. इसी के साथ यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से कश्मीरी गेट इलाके के कुछ हिस्सों में पानी भर गया है.
सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली के आईटीओ चौराहे पर देखने को मिल रही है. बता दें कि बुधवार को राजघाट की ओर जाने वाला रास्ता प्रशासन ने एहतियातन बंद किया था. यहां सड़क पर पानी भरने की वजह से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ. रिंग रोड के पास स्थित सरकारी दफ्तरों के बाहर भी पानी भरने से अफरा-तफरी का माहौल है. सीवेज का पानी निकासी न होने से सीधे सड़कों पर फैल रहा है. ऐसे में आने-जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी दिल्ली के आईटीओ चौराहे पर देखने को मिल रही है. बता दें कि बुधवार को राजघाट की ओर जाने वाला रास्ता प्रशासन ने एहतियातन बंद किया था. यहां सड़क पर पानी भरने की वजह से यातायात पूरी तरह प्रभावित हुआ. रिंग रोड के पास स्थित सरकारी दफ्तरों के बाहर भी पानी भरने से अफरा-तफरी का माहौल है. सीवेज का पानी निकासी न होने से सीधे सड़कों पर फैल रहा है. ऐसे में आने-जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
बारिश का असर दिल्ली की सड़कों और बुनियादी ढांचे पर भी दिख रहा है. एनएच-44 पर अलीपुर के पास बना फ्लाईओवर धंस गया. हादसे में एक थ्री-व्हीलर फंस गया और उसका ड्राइवर घायल हो गया. हादसे के बावजूद वहां से गुजर रही गाड़ियों की आवाजाही नहीं रुकी. स्थानीय लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर के नीचे की मिट्टी लगातार कट रही है और यदि समय रहते ट्रैफिक रोका नहीं गया तो बड़ा हादसा हो सकता है.