
अमरोहा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा में भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी समेत अन्य पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नोएडा जाने से रोक दिया।
नोएडा में चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए गुरुवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने गजरौला से कूच करने का ऐलान किया था। लेकिन पुलिस ने बुधवार की रात 11 बजे ही राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी को उनके आवास मोहल्ला चौधरी चरण सिंह नगर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयवीर सिंह को किसान भवन दरियापुर एवं मुख्य सचिव अरुण सिद्धू को कांप्लेक्स गजरौला पर नजर बंद कर दिया गया।
भाकियू संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि किसान भूमि अधिग्रहण का उचित मुआवजा और फसलों के सही दाम की मांग को लेकर दिल्ली कूच कर सरकार को जगाना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है?राष्ट्र की राजधानी किसी की बपौती नहीं है फिर ऐसे में किसान दिल्ली क्यों नहीं जा सकते? उन्होंने कहा कि बैरिकेडिंग,वाटर कैनन, दंगा नियंत्रण वाहन तथा पुलिस बल की तैनाती देखकर लगता है कि सरकार किसानों की बात सुनना नहीं चाहती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि किसान व खेती खत्म करने के लिए इससे पहले भी तीन काले कानून बनाए थे।किसानों के आंदोलन के बाद सरकार ने 19 नवंबर 2021 में तीनों कानून वापस ले लिए थे।उसी समय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर एक समिति का गठन किया गया था। समिति के गठन के तीन साल बाद भी सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी देने में बुरी तरह विफल रही है।इस तरह स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश अनुसार किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी न देकर किसानों के साथ धोखा किया गया है।

अब दिसंबर माह में एसकेएम द्वारा दिल्ली कूच का ऐलान किया गया है तो सरकार किसानों के संघर्ष को बर्बरतापूर्ण दबाने का प्रयास कर रही है। यदि सरकार किसानों का आंदोलन समाप्त करवाना चाहती है तो उसे तुरंत किसानों से बात करनी चाहिए और एमएसपी गारंटी कानून लागू कर मांगे पूरी करे। श्री नरेश चौधरी ने आगे कहा कि हर बार सरकार झूठा वादा करके किसानों के संघर्ष को दबाने का इसी तरह प्रयास करती है।
उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर न तो खाद मिलती है, और न किसान की कहीं कोई सुनवाई होती है। भाकियू संयुक्त मोर्चा की मांग है कि नोएडा के किसानों को ज़मीन के बदले 10 फीसदी निर्मित प्लाट,64 फीसदी बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए,जितने किसान जमीन छिन जाने से भूमिहीन हुए हैं, उनके परिवार के बच्चों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोई न कोई रोजगार की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। किसान नेता नरेश चौधरी ने देश के उप-राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने कहा है कि हम किसानों को जो भी कीमत देंगे उससे देश को पांच गुना फायदा होगा। आगे कहा कि जो भी लोग यह कहते रहे हैं कि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने से अनर्थ हो जाएगा ऐसी मानसिकता समझ से परे है। उपराष्ट्रपति ने माना है कि देश का अन्नदाता आंदोलन कर रहा है और सरकार चुप है। एम एस पी देने से सरकार को कोई नुक्सान नहीं बल्कि नहीं देने से किसानों को नुक्सान है।
भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि देश के किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरा नहीं किया गया जिससे लगता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिल में अन्नदाता के लिए रत्ती भर भी सम्मान नहीं है।
इस अवसर पर भाकियू संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजवीर सिंह, मंडलाध्यक्ष मयंक धारीवाल, सचिव अरुण सिद्धू, युवा मोर्चे के रवि चौधरी, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्षा सीमा चौधरी आदि पदाधिकारी मौजूद थे।