सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में इजाफा कर दिया है. एक ओर जहां पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 2 रुपये बढ़ाई गई है, तो डीजल पर भी सरकार ने 2 रुपये उत्पाद शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है. इसके बाद आशंका जताई जा रही थी कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, लेकिन राहत भरी बात ये है कि सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी किए जाने के साथ ही साफ कर दिया गया है कि आम ग्राहकों पर इसका कोई असर नहीं होगा. 

पहले समझ लेते हैं कि आखिर ये Excise Duty होती क्या है? तो बता दें भारत में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला एक टैक्स है, जो ईंधन की कीमत का एक बड़ा हिस्सा बनाता है. फिलहाल पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 19.90 रुपये प्रति लीटर है. वहीं डीजल पर एक्साइज ड्यूटी लगभग 15.80 रुपये प्रति लीटर है. गौरतलब है कि 2014 में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये लीटर थी, जिसे बाद में कई बार बढ़ोतरी हुईं.


सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में भले ही इजाफा कर दिया है, लेकिन इसका असर ग्राहकों पर पड़ने की बात से इनकार किया है. पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मिनिस्ट्री की ओर से साफ किया गया है कि PSU ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को उत्पाद शुल्क दरों में की गई वृद्धि के बाद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं करने को कहा गया है. 

साल 2021 में, पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज़ ड्यूटी ₹27.90 और ₹21.80 प्रति लीटर थी. मई 2022 में केंद्र सरकार ने राहत के तौर पर पेट्रोल पर 8 रुपये और डीजल पर 6 रुपये की कटौती की थी, जिसके बाद ये दरें लागू हुईं. भारत में वर्तमान में पेट्रोल-डीजल का बेस प्राइस करीब 32 रुपये है. इस पर केंद्र सरकार 33 रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है और बाद में अलग-अलग राज्य सरकारें अपने-अपने हिसाब से वैट और सेस वसूलती हैं, जिससे डीजल और पेट्रोल के दाम तीन गुना तक बढ़ जाते हैं.