अयोध्या में राम लला का सूर्य तिलक हो गया है. करीब 4 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणें नजर आई. श्रीराम की भव्य तस्वीर देख भक्तगण भाव विभोर उठे.

आज के विशेष मौके के लिए रामलला की विशेष परिधान डिजाइन की गई है, जो पीले पीतांबर रंग की है. इसमें खादी और हैंडलूम का इस्तेमाल किया गया है. इस परिधान को तैयार करने में वैष्णो संप्रदाय के प्रतीकों का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही गोल्ड और सिल्वर धागों का इस्तेमाल हुआ है. रामलला के वस्त्रकार मनीष त्रिपाठी का कहना है कि रामलला के परिधान को तैयार करने में 20 से 22 दिन का समय लगता है. रामलला के वस्त्रों में मखमली कॉटन का इस्तेमाल किया जाता है ताकि अंदर से सॉफ्ट रहे.

रामलला मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि अलग-अलग दिन के हिसाब से रामलला के लिए अलग-अलग रंग के परिधान निर्धारित किए गए हैं. सोमवार को रामलला की प्रतिमा को सफेद रंग के परिधान पहनाए जाते हैं. मंगलवार को गुलाबी, बुधवार को हरे, गुरुवार को पीले, शुक्रवार को क्रीम, शनिवार को नीले और रविवार को लाल रंग के परिधान तय किए गए हैं.