
भारत सरकार भी हीट वेव आने से पहले ऐसे ही सचेत करती है कि संभल जाओ, वरना हीट वेव की चपेट में आ जाओगे. IMD हर साल हीट वेव आने से पहले अलर्ट जारी करती है, जो नॉर्थ इंडियंस की जिंदगी में आफत की तरह आती है, जिसके बारे में सोचकर मन में डर-सा बैठ जाता है. इस बार अप्रैल महीने में ही इतनी गर्मी पड़ रही है, जिसकी उम्मीद लोगों ने नहीं की थी. अब IMD की चेतावनी ने बची-कुची कसर पूरी कर दी है. IMD ने कुछ दिन पहले चेतावनी जारी की, जिसमें कहा गया कि आने वाले तीन महीनों में देश के लगभग हर राज्य और क्षेत्र में भयंकर गर्मी पड़ने वाली है. यानी इस बार हीट वेव बाकी वर्षों के मुकाबले ज्यादा दिनों तक चलेगी.
पीएम मोदी कर चुके खास बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अप्रैल को भारतीय मौसम विभाग (IMD)के साथ हीट वेव को लेकर खास बैठक की थी. IMD ने जारी अलर्ट में बताया कि आगामी तीन महीनों में 10-20 दिन तक हीट वेव देखने को मिल सकती है. वैसे यह एक से तीन दिन तक ही रहती है. हीट वेव का असर देश की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है, क्योंकि इस दौरान फसल को भारी नुकसान होता है. वहीं, सेहत से जुड़ी कई सारी समस्याएं भी होती हैं.
हीट वेव क्या है?
WHO के मुताबिक, जब किसी इलाके में लगातार दो दिन तक नॉर्मल टेंपरेचर 4.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा तापमान हो तो इसे ‘हीट वेव’ कहते हैं. वहीं, हवा का तापमान नॉर्मल से 6.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा होने पर इसे खतरनाक हीट वेव की कैटेगरी में रखा जाता है. इस दौरान गर्म हवा शरीर में चुभने लगती है.
क्यों चलती है हीव वेव?
‘क्लाइमेट चेंज’ पर काम करने वाले इंटरनेशनल NGO वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन (WWA) ने साल 2023 में एक रिपोर्ट पब्लिश की थी. इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि अचानक इतनी ज्यादा गर्मी या ठंड के पीछे की वजह क्या है? रिपोर्ट में बताया गया कि यह मानव प्रेरित क्लाइमेट चेंज है, जिसके कारण भारत में हीट वेव तेजी से बढ़ रही है. भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिकों के मुताबिक, साल 2024 के कुछ महीनों तक अल-नीनो इफेक्ट होगा, जिसका असर भारत के साथ-साथ दुनिया के दूसरे देशों में भी रहेगा.
भारत में हीट वेव की स्थिति खतरनाक
भारत में ग्रीन हाउस गैस और उसके कारण होने वाले क्लाइमेट चेंज का असर काफी खतरनाक होता जा रहा है. यही वजह है कि भारत का टेंपरेचर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है. ऐसे में हर साल सूखे जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है. क्लाइमेट चेंज के कारण हीट वेव ज्यादा दिनों तक रहती है.
पिछले 12 साल के दौरान अब तक 11 हजार से ज्यादा लोग हीट वेव की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. साल 2012 से 2014 तक हर साल करीब 1200 लोगों की मौत हीट वेव के कारण हुई. साल 2015 में तो यह आंकड़ा 1900 के पार पहुंच गया था. 2016 के बाद इसमें गिरावट आई, लेकिन 2019 में मौतों की संख्या एक बार फिर 1200 का आंकड़ा पार कर लिया. 2020 के बाद लगातार चलाए जा रहे जागरुकता अभियान की वजह से मौतों की संख्या में गिरावट आई है. यही वजह रही कि साल 2023 में हीट वेव से 14 राज्यों में 264 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि साल 2022 में हीट वेव से 30 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि, आईएमडी की मानें तो हीट वेव को मौत का दूसरा नाम ही माना जाता है.