कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला गरमा गया है. देशभर के डॉक्टर सड़कों पर हैं. हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक एक्शन मोड में है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई सात दिन से सबूत इकट्ठे कर रही है और आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष चौतरफा विवाद में फंस गए हैं. सीबीआई की टीम छठे दिन भी डॉ. संदीप घोष से पूछताछ कर रही है. पिछले 5 दिन में डॉ. घोष से 64 घंटे तक पूछताछ की गई है और सवालों का सिलसिला अभी थमा नहीं है. वहीं, वित्तीय अनियमितता से जुड़े नए मामले में भी डॉ. घोष की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बुधवार को उन्हें पुलिस के सामने पेश होना है और करप्शन केस में अपने बयान दर्ज कराने हैं.

दरअसल, मंगलवार को आरजीकर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष के खिलाफ वित्तीय अनियमितता का केस दर्ज कराया गया है. ये केस ताला पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है. पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ विशेष सचिव देबल कुमार घोष ने एक लिखित शिकायत के जरिए डॉ. संदीप घोष के खिलाफ केस दर्ज कराया है. घोष पर अनियमितता, अवैध कमीशन लेने और नियुक्तियों में हेरफेर के आरोप लगे हैं. सरकार ने जांच के लिए आईपीएस डॉ. प्रणव कुमार के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. टीम में मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी वकार रजा, सीआईडी ​​के डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता पुलिस की डीसीपी इंदिरा मुखर्जी जैसे सदस्य भी शामिल होंगे. इस टीम को संस्था के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जांच का काम सौंपा गया है.

सीबीआई की जांच में संदीप घोष को अहम कड़ी माना जा रहा है. इस पूरे घटनाक्रम में अस्पताल की भूमिका और अस्पताल से जुड़े तमाम किरदार पर सवाल-जवाब किए जा रहे हैं. सीबीआई ने डॉ. संदीप घोष से शुक्रवार को पहली बार पूछताछ की थी. उसके बाद से हर रोज 12 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की जा रही है. सोमवार को सीबीआई ने 13 घंटे तक पूछताछ की थी. मंगलवार को 11 घंटे तक पूछताछ की. आज यानी बुधवार को छठे दिन भी संदीप घोष सीबीआई दफ्तर पहुंचे हैं. आज घोष को कोलकाता पुलिस के समक्ष भी पेश होना है.

पिछले पांच दिन में सीबीआई ने संदीप घोष से कई सवाल पूछे हैं. महिला डॉक्टर की मौत की खबर मिलने के बाद घोष की भूमिका के बारे में पूछा है. घटना के बाद उन्होंने किससे संपर्क किया और कथित तौर पर माता-पिता को शव दिखाने के लिए लगभग तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया? आरजी कर अस्पताल में शव मिलने के बाद सेमिनार हॉल से सटे कमरों के नवीनीकरण की मंजूरी के बारे में भी पूछा गया है.

वहीं, रेप और मर्डर की घटना से आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है. आरजी कर अस्पताल के डॉक्टर बुधवार को भी सड़कों पर मार्च निकालेंगे. पूर्व क्रिकेटर सौरव गांगुली और उनकी पत्नी डोना गांगुली भी आज विरोध मार्च का हिस्सा होंगी. ये मार्च सीबीआई दफ्तर से स्वास्थ्य भवन तक निकाला जाएगा. आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ और हमले की घटना से भी डॉक्टर्स में भारी नाराजगी है और देशभर में विरोध-प्रदर्शन किए जा रहे हैं. एक दिन पहले यानी मंगलवार को भी कोलकाता की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लोग सड़कों पर उतरे थे और आरजी कर अस्पताल से स्वास्थ्य भवन तक मार्च निकाला था. अस्पताल की सुरक्षा CISF को सौंपी गई है.

संदीप घोष के खिलाफ सीबीआई भी जांच कर रही है और एजेंसी उनका पॉलीग्राफी टेस्ट भी करवाना चाहती है. मसलन, पीड़िता के परिवार और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के बयान में विसंगतियां पाई गई हैं. अलग-अलग बयानों की वजह से कहा जा रहा है कि सीबीआई उनका पॉलीग्राफी टेस्ट करा सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि हम घोष के जवाबों को और सत्यापित करना चाहते हैं, क्योंकि हमारे कुछ सवालों के जवाबों में विसंगतियां हैं. इसलिए, हम उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, इसके लिए कोर्ट से अप्रूवल लेना जरूरी होगा. इससे पहले सीबीआई ने एक स्थानीय अदालत से आरोपी संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की अनुमति ली है.

आरजी कर अस्पताल में क्या हुआ था?

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की रात 31 साल की ट्रेनी महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था. घटना सेमिनार हॉल की है. ट्रेनी डॉक्टर के शरीर पर चोट के निशान थे और खून बह रहा था. जांच में पता चला कि डॉक्टर से रेप किया गया, उसके बाद हत्या कर दी गई. पुलिस ने आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. घटना से डॉक्टर्स में नाराजगी फैल गई और हड़ताल शुरू कर दी. कोलकाता हाईकोर्ट ने मामले की जांच पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर कर दी. 7 दिन से मामले में सीबीआई जांच कर रही है.

संदीप घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल रहे हैं. घटना से नाराज डॉक्टर्स ने प्रिंसिपल के रवैये पर भी सवाल उठाए और हंगामा किया तो डॉ. संदीप घोष ने अपनी नौकरी से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. इस बीच, 12 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने डॉ. घोष का तबादला कलकत्ता नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल कर दिया और डॉ. सुहरिता पॉल को आरजी कर मेडिकल कॉलेज का नया प्रिंसिपल बना दिया.

कौन हैं संदीप घोष?

कोलकाता से करीब 80 किमी दूर स्थिति बनगांव में जन्मे और पले-बढ़े डॉ. संदीप घोष ने अपनी पढ़ाई 1989 में बनगांव हाई स्कूल से पूरी की. बाद में उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज से मेडिकल की शिक्षा हासिल की. 1994 में ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की. शुरुआती शिक्षा और व्यावसायिक यात्रा काफी अच्छी रही. हालांकि डॉ. घोष का बाद का करियर विवादों में रहा. घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग को कई शिकायतें भेजी जा चुकी हैं. एक जांच भी बिठाई गई थी. नतीजा यह हुआ कि दो बार घोष का ट्रांसफर हुआ और दोनों बार वो ट्रांसफर ऑर्डर को पलटवाने में कामयाब रहे. संदीप घोष पर पोस्टमार्टम के लिए रखी गई लाशों के गैर-कानूनी इस्तेमाल जैसे गंभीर मामले शामिल हैं. कई बार कॉलेज के स्टाफ ने स्वास्थ्य विभाग को इसे लेकर पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.