पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक की अफवाह फैलाने के मामले में सपा के पूर्व मंत्री यासर शाह समेत 7 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है. भर्ती बोर्ड ने हुसैनगंज थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. भर्ती बोर्ड का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम चैनल पर QR code के जरिए फर्जी प्रश्न पत्र के बदले मोटी रकम मांगी जा रही है. इस मामले में शोएब नबी सेफी, हरीश कुमार भगत, डिलाइट इंटरप्राइजेज, मनु कुमार श्रीवास्तव, कपिल जांगिड़, सिद्धार्थ कुमार गुप्ता, यासर शाह समेत 7 लोगों का नाम सामने आया है. एफआईआर के मुताबिक यासर शाह ने अपने X एकाउंट @yasarshah_sp से पेपर लीक का असत्य, अपमानजनक पोस्ट किया.

टेलीग्राम एप पर 11 चैनलों पर पेपर लीक से जुड़े मैसेज वायरल हुए हैं. टेलीग्राम पर चल रहे चैनल @upp paper leak 2024,@PROOF OF STUDENT, @VENOM के अलावा आदित्य तोमर के टेलीग्राम अकाउंट से फर्जी प्रश्नों को वायरल कर रुपयों की मांग की जा रही है. इसके अलावा डिलाइट इंटरप्राइजेज फर्म का भी क्यूआर कोड शेयर किया गया है. बैंक डिटेल के जरिए पुलिस इन तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. मामले के खुलासे में साइबर सेल और एसटीएफ भी लगाई गई है.

उत्तर प्रदेश में 60 हज़ार से अधिक पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती 2024 के लिए शुक्रवार से परीक्षा शुरू हो चुकी है. 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त 2024 को दो-दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित की जाएगी. एक शिफ्ट में करीब 2616 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे. परीक्षा को शुचिता पूर्ण ढंग से कराने के लिए नौ स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की तैनाती गई है. साइबर थाने को जिले का कंट्रोल रूम बनाया गया है. बड़ी संख्या में पुलिस बल और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जारी रही है. यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए करीब 40 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया है. 

एफआईआर में लिखा है, ‘यासर शाह S/o डॉ. वकार अहमद शाह समेत कई लोग अलग-अलग ग्रुप, अकाउंट्स, बैंक डिटेल यथा QR Code बनाकर उनके माध्यम से आपराधिक रूप से धन की उगाही करने व यूपी शासन की छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं. इनके इस कृत्य से अभ्यर्थियों के मध्य आक्रोश पैदा होने से कानून व्यवस्था पर भी खराब प्रभाव पड़ने की संभावना है. इनकी यह कोशिश पहली नजर में भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 318(4), 336 (3), 338 एवं 340 (2) और उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अध्यादेश-2024 की घारा 13 के तहत दंडनीय अपराध है.