
केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और एनसीपी (SP) प्रमुख शरद पवार को Z+ सुरक्षा मुहैया कराई थी. अब इस पर शरद पवार की प्रतिक्रिया आई है. पवार ने कहा है कि उन्हें दी गई जेड प्लस सुरक्षा उनके बारे में “प्रामाणिक जानकारी” प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं.
मीडिया द्वारा जेड-प्लस सुरक्षा मिलने को लेकर पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस कदम के पीछे का कारण नहीं मालूम है. हालांकि उन्होंने केंद्र के फैसले पर शक जरूर जाहिर किया है.
शरद पवार ने आगे कहा, ‘गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि सरकार ने तीन व्यक्तियों को जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया है और मैं उनमें से एक था. मैंने पूछा कि अन्य दो कौन हैं. मुझे बताया गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं.”
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र कर्मियों की एक टीम को पवार के जेड प्लस सुरक्षा कवर का हिस्सा होगी. आधिकारिक सूत्रों ने पहले बताया था कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे का आकलन किया गया था और पवार के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवर की सिफारिश की थी.
क्या होती है जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा
सुरक्षा की ब्लू बुक के मुताबिक, हर एक वीवीआईपी को जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है. इनके चारों तरफ कड़ा सुरक्षा का पहरा होता है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 58, सशस्त्र कर्मी जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में तैनात होते हैं. Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा में 10 आर्म्ड स्टैटिक गॉर्ड, 6 PSO एक समय मे राउंड द क्लॉक, 24 जवान 2 एस्कॉर्ट में राउंड द क्लॉक, 5 वॉचर्स दो शिफ्ट में रहते हैं. एक इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर इंचार्ज के तौर पर तैनात रहता है. वीआईपी के घर मे आने जाने वाले लोगो के लिए 6 फ्रीस्किंग और स्क्रीनिंग करने वाले तैनात रहते हैं और इसके साथ ही राउंड द क्लॉक ट्रेंड 6 ड्राइवर होते हैं.
आपको बता दें कि शरद पवार की एनसीपी (एसपी) विपक्षी ब्लॉक महा विकास अघाड़ी (एमवीए) का हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं. हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में इस गठबंधन ने राज्य की 48 सीटों में से 30 सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया था.
भाजपा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को केवल 17 सीटों से ही संतोष करना पड़ा. अब 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने की संभावना है.