उत्तर प्रदेश कॉन्स्टेबल भर्ती के लिए अब अगली परीक्षा 30 अगस्त 2024 को होगी. 23, 24 और 25 अगस्त को हुई परीक्षा में कुल 19 लाख 84 हजार 645 उम्मीदवार शामिल हुए हैं.  इस री-एग्जाम को सफलतापूर्वक कराने के लिए पुलिस सॉल्वर गैंग और संदिग्धों पर नजर बनाए हुए हैं. तीन दिन हुई परीक्षा के दौरान यूपी पुलिस ने कई एफआईआर दर्ज की हैं. इसके अलावा संदिग्धों को परीक्षा देने से भी रोका गया है.  

न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRBB) के अध्यक्ष राजीव कृष्ण ने कहा कि पिछले तीन दिनों में, पुलिस ने शांतिपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती उपाय के रूप में 29 एफआईआर दर्ज की हैं और 40 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें 12 गिरफ्तारियां कानपुर, झांसी, बलरामपुर, जौनपुर और अलीगढ़ से हुई हैं. इसके अलावा दो परीक्षा केंद्रों पर स्क्रीनिंग प्रक्रिया के दौरान 318 संदिग्धों की पहचान की गई और उन सभी को परीक्षा देने की अनुमति दी गई. बोर्ड द्वारा इन व्यक्तियों की आगे जांच की जाएगी. 

बता दें कि बोर्ड ने यूपी सिपाही भर्ती परीक्षा पांच दिनों 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को प्रत्येक दिन दो पालियों में आयोजित करना निर्धारित किया है. परीक्षा के तीसरे दिन छह लाख 78 हजार से ज्यादा कैंडिडेट्स एग्जाम में शामिल हुए. पहली शिफ्ट में तीन लाख 37 हजार 647 और दूसरी शिफ्ट में तीन लाख 41 हजार 120 कैंडिडेट्स ने एग्जाम दिया है.

परीक्षा के पहले दिन भर्ती बोर्ड ने 61 संदिग्ध परीक्षार्थियों को पकड़ा है. उनके दस्तावेजों का मिलान करने के बाद ही उन्हें एग्जाम में बैठने की परमिशन मिली. बोर्ड का कहना है कि उनके दस्तावेजों की ठीक से जांच करने के बाद ही लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी किया जाएगा. चार अभ्यर्थी एग्जाम में नकल करते हुए भी पकड़े गए. वो महाराजगंज, रायबरेली और कानपुर से कथित तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल कर रहे थे.

इसके अलावा कानपुर में गलत उम्र बताकर परीक्षा देने आए एक शख्स को अरेस्ट किया गया है. गोरखपुर से महिला सिपाही और उसके साथी को एग्जाम के पेपर बेचने के नाम पर ठगी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

इस साल फरवरी में पेपर लीक के आरोपों के चलते कुल 60,244 पदों के लिए परीक्षा रद्द कर दी गई थी. भर्ती बोर्ड ने 17 और 18 फरवरी को इम्तिहान करवाया और राज्य के 75 जिलों में करीब 48 लाख अभ्यर्थी इस परीक्षा में बैठे थे. परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन में अभ्यर्थियों के साथ कोचिंग टीचर भी शामिल थे. इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया था कि छह महीने के अंदर दोबारा परीक्षा कराई जाए.