अमरोहा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सोमवार को संपन्न मुरादाबाद दौरे को भारतीय किसान यूनियन (संयुक्त मोर्चा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने किसानों के लिए बेहद निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि किसान, सरकार के एजेंडे में कभी नहीं रहा, इसका जीता-जागता सबूत है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मुरादाबाद दौरा। भाजपा सरकार द्वारा खेती-बाड़ी के मुद्दों से किनारा करने से किसान मायूस हैं। मुख्यमंत्री के समक्ष बात रखने से पूर्व ही किसानों पर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया। किसान नेता नरेश चौधरी ने कहा कि किसान नीति,गन्ना मूल्य निर्धारण, फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी कानून, मुफ़्त बिजली देने पर वायदाखिलाफी जैसी एक लंबी फेहरिस्त है, जो प्रदेश सरकार की नाकामी को उजागर कर रही है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की मुरादाबाद मंडल की ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद , बिजनौर,रामपुर, अमरोहा मंडी धनौरा तथा संभल समेत अधिकांश तहसीलों में व्याप्त भृष्टाचार के चलते किसानों के शोषण , किसानों परिवारों के बेरोज़गार युवाओं को स्थानीय कंपनियों, फैक्ट्रियों में रोज़गार गारंटी देने जैसे मुद्दों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा चुप्पी साध लेना दुर्भाग्यपूर्ण है।

किसानों के प्रति सरकार की सोच निहायत हीलाहवाली की है। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि इन संकेतों के आधार पर यह समझ लेना चाहिए कि सरकार की रणनीति यह है कि मेहनतकश जनता की रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़े सवालों को सार्वजनिक चर्चा से बाहर रखा जाए। इसके लिए लोगों को जज़्बाती मुद्दों में उलझाए रखा जाए। एसडीएम ठाकुरद्वारा का स्टेनो किसान से 50 हज़ार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा जाता है और मुख्यमंत्री भृष्टाचार के मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोलते, यह एक गंभीर प्रश्न है। नरेश चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मुरादाबाद आगमन पर लोगों में एक उम्मीद जगी थी कि मुरादाबाद मंडल की तहसीलों में फैले भृष्टाचार के ज़िम्मेदार नियंत्रकों के ख़िलाफ़ ऐसी कार्रवाई होगी जो नज़ीर बने।बेलगाम नौकरशाही का खामियाजा सत्ताधारी पार्टी को लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ा है लेकिन सरकार ने इससे कोई सबक़ नहीं लिया है।

भारतीय किसान यूनियन संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे तमाम किसान विरोधी भ्रष्टाचार में लिप्त जिन्हें राजसत्ता का वरदहस्त प्राप्त है अच्छी तरह समझ लें कि भाकियू संयुक्त मोर्चा शांति का पुजारी तो है, लेकिन साथ साथ क्रांति की पुजारी भी है।भ्रष्टाचार को लेकर 05 सितंबर से तहसील में भाकियू संयुक्त मोर्चा द्वारा धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा।