
उत्तर प्रदेश के कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को पलटाने की साजिश रचने में यूपी ATS को जमात पर शक है. इसलिए एटीएस ने अपनी जांच का दायरे में जमातियों को शामिल किया है. इसके अलावा अब इस घटना की आतंकी एंगल से भी जांच करने की तैयारी हो रही है क्योंकि अब इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की भी एंट्री भी हो गई है. एनआईए ने कानपुर पुलिस से कॉन्टेक्ट कर इस पूरे मामले की जानकारी ली है.
बताया जा रहा है कि एनआईए जल्द ही कानपुर आकर इस मामले में अपनी जांच शुरू करेगी. उससे पहले एजेंसी ने कानपुर पुलिस के सीनियर अधिकारियों से बात कर मामले की जानकारी ले ली है. इससे पहले इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और यूपी ATS भी इस मामले की जांच कर रही है. एटीएस के आईजी शिवराजपुर पुलिस थाने के अंदर पुलिस अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं. इसके अलावा पुलिस ने इसकी जांच के लिए पांच टीमों का गठन किया है. पुलिस की टीमों ने संदिग्ध लोगों को थाने में पूछताछ के लिए बुलाया है.
दरअसल कानपुर से सटे बिल्हौर के मकनपुर में हजरत बदीउद्दीन जिंदा शाह की मजार है. यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में जमातियों का आना-जाना लगा रहता है. इसी वजह से पुलिस ने जांच के दायरे में जमातियों को भी लिया है. कानपुर के डीसीपी वेस्ट ने बताया कि कानपुर के बिल्हौर में बड़े पैमाने पर देश भर से जमातियों का डेरा रहता है. इसलिए उनकी गतिविधियों की जांच की जा रही है.
आठ सितंबर की रात करीब 8:30 बजे अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराई थी. यह हादसा बर्राजपुर और बिल्हौर स्टेशन के बीच हुआ था. पुलिस के मुताबिक, लोको पायलट ने बताया कि उसे ट्रैक पर कोई संदिग्ध चीज दिखाई दी, जिसके बाद उसने ब्रेक मारी, लेकिन उसके बाद भी ट्रेन पर काबू नहीं किया जा सका और ट्रेन उस चीज से टकरा गई, जिसके बाद काफी तेज आवाज हुई. लोको पायलट के मुताबिक, इस घटना के बाद उसने ट्रेन को रोक दिया और गार्ड समेत अन्य अधिकारियों को इस घटना की जानकारी दी.