दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 से टर्मिनल 2 या 3 जाना काफी मुश्किल हो गया है, क्योंकि कई बार लोग जाम की वजह से समय पर एयरपोर्ट नहीं पहुंच पाते और उनकी फ्लाइट छूट जाती है. इसी समस्या के समाधान के लिए दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2/3 के बीच एक ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) बनाने का फैसला किया है. 


दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर DIAL टर्मिनल 1 और अन्य दो टर्मिनलों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए एयर ट्रेन शुरू करने की योजना बना रहा है. बता दें कि इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGIA) देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और इसमें तीन टर्मिनल हैं. DIAL का लक्ष्य डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण मॉडल के आधार पर एक “एलिवेटेड और एट-ग्रेड ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) सिस्टम” को लागू करना है. APM या एयर ट्रेन के लिए टेंडर पहले ही जारी किया जा चुका है. 


एपीएम सिस्टम को टर्मिनल 1 और टर्मिनल 2 और 3 के बीच विश्वसनीय, तेज और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है, जो एरोसिटी और कार्गो सिटी के माध्यम से लगभग 7.7 किमी की मार्ग लंबाई को कवर करता है. वहीं, ये प्रणाली यात्री सुविधा में सुधार करेगी, एएसक्यू स्कोर बढ़ाएगी और कार्बन उत्सर्जन को भी कम करेगी. 

दिल्ली एयरपोर्ट पर अभी एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक जाने के लिए DTC बसों से जाना पड़ता था, जिसमें काफी समय लगता है. लेकिन अब एयर ट्रेन के चलने से यह सफर कुछ मिनटों में ही पूरा हो जाएगा. DIAL ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर जारी कर दिया है और उम्मीद है कि अक्टूबर-नवंबर तक बोली लगनी शुरू हो जाएगी.

एयर ट्रेन के 4 स्टॉपेज होंगे. बता दें कि दुनिया के कई देशों में एयरपोर्ट पर एयर ट्रेन चलती है. अब भारत में भी इसकी शुरुआत होने वाली है. एयरपोर्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने की लागत एयरलाइंस से ली जाने वाली लैंडिंग और पार्किंग फीस से वसूल की जाती है. 


एयर ट्रेन आमतौर पर दुनिया भर के यात्रियों के लिए निःशुल्क होती हैं, जो टर्मिनलों के बीच चलती हैं. एयर ट्रेन, जिसे ऑटोमेटेड पीपल मूवर (APM) भी कहा जाता है, एक स्वचालित ट्रेन प्रणाली है जो हवाई अड्डों पर विभिन्न टर्मिनलों और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ने के लिए उपयोग की जाती है. ये मोनोरेल के रूप में काम करती हैं, जो यात्रियों की सुविधा के लिए कई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर संचालित होती हैं. इसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों को एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक तेजी से और सुविधाजनक तरीके से पहुंचाना है. 

दिल्ली एयरपोर्ट भारत का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और हर साल 7 करोड़ से ज्यादा यात्री यहां से आते-जाते हैं. अगले 6-8 सालों में इस संख्या के दोगुनी होने की उम्मीद है. ऐसे में टर्मिनलों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी बेहद जरूरी है. टर्मिनल 1, टर्मिनल 2 और 3 से कुछ दूरी पर स्थित है और वर्तमान में, यात्री सड़क मार्ग से टर्मिनलों के बीच यात्रा करते हैं, जिसमें काफी समय लग जाता है. इसलिए एयर ट्रेन चलाने का फैसला किया गया है.