
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि जब सोनिया गांधी जी को बोलना था, तब मैंने सुनिश्चित किया कि सत्ता पक्ष की ओर भी पिन ड्रॉप साइलेंस रहे. हर मेंबर के बोलने पर मेरी यही कोशिश रहती है. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आपकी सलाह हम मानते हैं. यही तरीका उधर वाले भी मान गए तो हम समझते हैं कि नड्डा साहब अपने सदस्यों को बड़ा कंट्रोल में रखा है. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वक्फ बिल पर हमारे अनेक सदस्यों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं. उनको प्रॉसीडिंग से निकालना अलोकतांत्रिक है. जितने लोगों ने डिसेंट नोट्स दिए हैं, क्या उनमें से कोई पढ़ा-लिखा नहीं है. आपको उसे अपनी रिपोर्ट में डालकर बोलना चाहिए. उसको डिलीट करके आप रिपोर्ट दे रहे हैं. ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम नहीं मानते, सदन कभी नहीं मानेगा.
आप डायरेक्शन दीजिए और सभी डिसेंट नोट्स को शामिल करके रिपोर्ट पेश कीजिए. जो स्टेकहोल्डर्स नहीं हैं, उनको बाहर से बुला-बुलाकर उनके व्यूज लिए गए. मेंबर्स एजिटेट क्यों होते हैं, वे अपने परिवार के लिए नहीं पूरे समाज के लिए परेशान होते हैं. ये संविधान के विरुद्ध ऐसी चीजें होती हैं तो ऐसे ही गड़बड़ होता है. लोग प्रोटेस्ट करते हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा नड्डा साहब पुराने नेताओं को सुनते हैं. आपका इंफ्लूएंस भी हैं. आप इसे जेपीसी को भेजिए और संवैधानिक तरीके से फिर लाइए, हम देखेंगे. उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ से कहा कि आप इस रिपोर्ट को रिफ्यूज भी कर सकते हैं. कई राज्यों के गवर्नर भी करते हैं.
जेपीसी के सदस्य रहे संजय सिंह ने कहा कि हमने अपना पक्ष रखा. हमारे पक्ष से आप सहमत-असहमत हो सकते हैं लेकिन उसको कूड़ेदान में कैसे डाल सकते हैं. आज आप वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा कर रहे हैं. कल आप गुरुद्वारा, चर्च और मंदिर की करेंगे. तिरुचि शिवा ने कहा कि जो सदस्य कमेटी में होते हैं, उनकी असहमति को लेकर डिसेंट नोट के साथ रिपोर्ट का नियम है. इसमें इसका पालन नहीं किया गया.
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा इस बिल में सारी चीजें हैं. कुछ भी डिलीट नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन को गुमराह न करे. रिपोर्ट नियमों के मुताबिक ही तैयार की गई है. विपक्ष के सारे आरोप झूठ हैं. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विपक्ष गैरजरूरी मुद्दा उठा रहा है. वक्फ संशोधन बिल जिस मंत्रालय से संबंधित है, वह अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय मेरे ही पास है.