गजरौला। दिल्ली में किसानों के लिए “सपोर्ट” पंजाब में “डिपोर्ट”! केजरीवाल की राजनीति भी वाई-फाई की तरह है, सिग्नल वहीं मिलता है जहां फायदा हो।
भाकियू संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने शंभू खनौरी बार्डर से किसानों को जबरन हटाने की निंदा करते हुए कहा कि दिल्ली में सरकार बदलने से आम आदमी पार्टी (आप) नेता अरविंद केजरीवाल का किसानों के प्रति रुख़ भी बदल गया है।

गुरुवार को दिल्ली-लखनऊ नेशनल हाईवे-09 गजरौला चौपले पर मांगों को लेकर किसानों ने धरना प्रदर्शन किया।इस दौरान केंद्र सरकार से नई कृषि व्यापार नीति रद्द करने,गेहूं पर बोनस, ,एमएसपी फसल ख़रीद गारंटी कानून बनाने, बिजली विभाग का निजीकरण व स्मार्ट मीटर योजना रद्द करने, किसान मजदूरों को कर्ज़ मुक्त करो, भ्रष्टाचार और अपराध का गठजोड़ कब खत्म करने की मांग का समर्थन करते हुए भाकियू संयुक्त मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश चौधरी ने कहा कि भारत देश में नेताओं को अपनी व्यवस्था पर ही भरोसा नहीं है क्योंकि यह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के बजाए प्राइवेट स्कूल में भेजते हैं।

सरकारी अस्पतालों के बजाए प्राइवेट अस्पतालों में इलाज करवाने जाते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि नेताओं के लिए वेतन भत्ते, गाड़ी बंगला, फ्री एयर व रेल टिकट, फ्री सिक्युरिटी, वीवीआईपी प्रोटोकॉल और आजीवन पेंशन, संसद में तू-तू-मैं-मैं, आरोप प्रत्यारोप, नूराकुश्ती, बतोलेबाजी, कविता शायरी और तू चोर में सिपाही करने के लिए दिए जाते हैं।

भाकियू नेता नरेश चौधरी ने केंद्र सरकार की गरीबी रेखा के फार्मूले पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार का मानना है कि शहरों में 1,410 रुपये और गांवों में 960 रुपये से कम खर्च करने वाला गरीब है। यानी शहर में 42 और गांव में 32 रुपये रोज़ खर्च करने वाला गरीबी रेखा से नीचे माना जाएगा, यदि उसने एक रुपया भी ऊपर खर्च कर दिया तो वह ग़रीबी रेखा से ऊपर माना जाएगा। उन्होंने कहा कि इस फार्मूले के आधार पर भारत में अब सिर्फ चार फीसदी गरीब रह गए हैं।

और पिछले 12 साल में करीब 30 फीसदी लोगों को ग़रीबी रेखा से बाहर निकाल लिया गया है। सोचें कि सरकार का ग़रीबी रेखा का फार्मूला कितना व्यवहारिक हैइस अवसर पर मौजूद रहे विजय वीर सिंह अरुण सिद्धू शीशपाल सिंह चंद्रपाल सिंह दलजीत सिंह रिंकू सागर अभिषेक भुल्लर देवेंद्र सिंह, मयंक धारीवाल राहुल सिद्धू रोहित देवल, प्रिंस चौधरी, इमरान मंसूरी, सलमान खान, धीरज उपाध्याय, कैलाश नाथ हिटलर उपाध्याय आजम खान, नितिन गोस्वामी, ओमप्रकाश दरोगा, कामिल चौधरी, विकास चौधरी, महकार सिंह,कमल प्रधान जी, अली आशु, अजब सिंह, सीमा चौधरी आदि किसान लोग मौजूद रहे रहे।