उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया. केदारनाथ में हेलीकॉप्टर में तकनीकी खराबी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. हेलीकॉप्टर में 6 यात्री सवार थे. हालांकि, हादसे में किसी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है. 

रुद्रप्रयाग के आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि हेलीकॉप्टर सिरसी हेलीपैड से 5 यात्रियों  को लेकर केदारनाथ धाम जा रहा था. इसी दौरान अचानक केंस्ट्रेल एविएशन कंपनी के एक हेलीकॉप्टर में तकनीकी परेशानी सामने आई. इसके बाद लगभग सात बजकर 5 मिनट हेलीकॉप्टर को केदारनाथ धाम के हेलीपैड से लगभग 100 मीटर पहले इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी.  

अधिकारी ने हेलीकॉप्टर के पायलट कल्पेश का हवाला देते हुए बताया कि हेलीकॉप्टर में बैठे सभी यात्री सुरक्षित हैं. वहीं, हेलीकॉप्टर की सुरक्षित लैंडिंग के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली.

बता दें कि उत्तराखंड में चार धाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. 10 मई से शुरू हुई चार धाम यात्रा के पहले 10 दिन में 3 लाख 19 हजार श्रद्धालु पहुंचे हैं. उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को एक वर्चुअल बैठक के दौरान केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को चार धाम यात्रा के जानकारी देते हुए बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में यात्रियों की संख्या में यमुनोत्री में 127%, केदारनाथ में 156% की वृद्धि देखी गई.

इस वर्ष यात्रा सीजन के पहले दस दिनों में 138,537 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री के दर्शन किए, जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 127% ज्यादा है.  इसी तरह 128,777 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 89% अधिक हैं. केदारनाथ धाम में 319,193 श्रद्धालु आए, जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 156% अधिक हैं और बद्रीनाथ धाम में 139,656 श्रद्धालु आए और यह भी दो वर्षों की तुलना में 27% अधिक हैं.

बैठक के दौरान सीएस रतूड़ी ने यह भी बताया कि पुलिस ने 56 पर्यटन सहायता केंद्र बनाए गए हैं. यात्रा की निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन लगाए गए हैं.  उन्होंने केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की और  यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए गए हैं.  साथ ही केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं और ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्र तैनात किए हैं.