अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) एक बार फिर सुर्खियों में है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने खुलासे में दावा किया है कि व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों से पता चला है कि SEBI चेयरमैन की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई अस्पष्ट ऑफशोर संस्थाओं में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक्स पर एक पोस्ट किया था. इसमें एक भारतीय कंपनी से जुड़े एक और बड़े खुलासे का संकेत दिया गया था. अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म ने पोस्ट में लिखा था, “भारत में जल्द ही कुछ बड़ा होने वाला है”.

शनिवार शाम को हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक और पोस्ट करते हुए अपनी वेबसाइट पर इस खुलासे का दावा करते हुए इससे संबंधित रिपोर्ट शेयर की. हिंडनबर्ग ने इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप और SEBI चीफ के बीच लिंक होने का दावा किया गया है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया है कि व्हिसलब्लोअर से मिले दस्तावेजों से पता चलता है जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तमाल अडानी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें SEBI अध्यक्ष माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी थी. 

हिंडनबर्ग का आरोप है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘उनसने इससे पहले यह नोटिस किया था कि नियामक द्वारा हस्तक्षेप के जोखिम के बाद भी अडानी समूह ने पूरे विश्वास के साथ अपने काम को जारी रखा था. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और अदानी समूह के बीच कोई संबंध है.

हिंडनबर्ग का आरोप है कि ऑफशोर मॉरीशस फंड की स्थापना इंडिया इंफोलाइन के माध्यम से अडानी के एक निदेशक ने की थी और यह टैक्स हेवन मॉरीशस में रजिस्टर्ड है.

हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘उसने इससे पहले यह नोटिस किया था कि नियामक द्वारा हस्तक्षेप के जोखिम के बाद भी अडानी समूह ने पूरे विश्वास के साथ अपने काम को जारी रखा था. इसे ऐसे समझा जा सकता है कि सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और अदानी समूह के बीच कोई संबंध है.