
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट (Hindenburg Report) का शेयर बाजार (Share Market) पर कुछ खास असर नहीं दिख रहा. सप्ताह के पहले कारोबारी दिन सोमवार को मार्केट के दोनों इंडेक्स सेंसेक्स-निफ्टी जबरदस्त गिरावट के लाल निशान पर ओपन तो हुए, लेकिन कुछ देर में ही ये रिकवरी मोड में नजर आने लगे. इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex 375 अंक फिसलकर ओपन हुआ था, लेकिन 11.15 बजे तक ये ग्रीन जोन में पहुंचकर 266 अंक उछलकर कारोबार कर रहा था.
Sensex में 170 अंक की उछाल
सबसे पहले बात करते हैं BSE Sensex की, तो बता दें कि बीएसई का ये इंडेक्स बीते शुक्रवार को 79,705.91 के स्तर पर क्लोज हुआ था और सोमवार को इसने गिरावट के साथ 79,330.12 के लेवल पर शुरुआत की. ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि बीते शनिवार को जारी की गई अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का असर सेंसेक्स और निफ्टी पर दिखेगा, तो शुरुआती कारोबार में ये दिखाई भी दिया. लेकिन Hindenburg का असर ज्यादा देर तक नहीं रहा और सुबह 11.15 बजते-बजते बाजार रिकवरी मूड में आ गया. खबर लिखे जाने तक Sensex 266.52 अंक की उछाल के साथ 79,972.42 के लेवल पर कारोबार कर रहा था.
सेंसेक्स की तरह ही एनएसई के निफ्टी इंडेक्स ने भी अपने पिछले बंद 24,367.50 के लेवल के टूटकर 24,320.05 पर कारोबार शुरू किया था और कुछ देर तक लाल निशान पर कारोबार करने के बाद NIFTY 50 ने भी छलांग लगा दी और हरे निशान पर पहुंच गया. खबर लिखे जाने तक निफ्टी 62.50 अंक की तेजी लेकर 24,430.00 के लेवल पर ट्रेड कर रहा था.
सेंसेक्स और निफ्टी ने गिरावट से उबरते हुए जोरदार तेजी पकड़ी, तो वहीं भारतीय अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में देखने को मिली शुरुआती गिरावट पर ब्रेक लगता हुआ नजर आया. अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर शुरुआती कारोबार में 5 फीसदी से ज्यादा टूटने के बाद सुबह 11.15 बजे पर महज 1.25 फीसदी फिसलकर 3,147.55 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इसके अलावा…
Adani Power Share (-2.05%)
Adani Total Gas Ltd (-4.35%)
Adani Wilmar (-2.56%)
Adani Green Energy (-1.14%)
Adani Energy Solutions (-3.21%)
Adani Port Share (-1.32%)
ACC Ltd Share (-1.46%)
Ambuja Cement Share (+0.51%)
NDTV Share (-2.32%)
एक्सपर्ट्स पहले से जता रहे थे उम्मीद
मार्केट एक्सपर्ट्स पहले से ही ये उम्मीद जता रहे थे कि Hindenburg की इस रिपोर्ट का शेयर बाजार लंबा असर नहीं दिखेगा. इसके पीछे की वजह का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा था कि सेबी पर आई हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट महज भ्रम फैलाने की कोशिश करती है कि किसी ऑफशोर फंड का मतलब ही है कि कोई आपराधिक गतिविधि हुई है. उन्होंने कहा कि बिना सबूत के कथित लाभार्थी अडानी ग्रुप पर अपने ही पहले के दावों को बेढंगे तरीके से दोहराया गया है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है.