सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (SC) व जनजाति (ST) आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए फैसले के खिलाफ आज कई संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया है. इसके अलावा बसपा और आरजेडी जैसी पार्टियों ने भी बंद का समर्थन किया है. दरअसल, दलित और आदिवासी संगठनों ने हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व और सुरक्षा की मांग को लेकर ये बंद बुलाया है. दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (NACDAOR) ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए न्याय और समानता सहित मांगों की एक लिस्ट जारी की है.

राजस्थान की राजधानी जयपुर में भारत बंद का असर पूरी तरह से दिखाई दे रहा है. सभी दुकानें बंद है, सड़कों पर लोग नहीं निकल रहे हैं. जयपुर सहित सूबे के 13 जिलों में स्कूल कॉलेज और कोचिंग बंद है. भरतपुर और दौसा जिले में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है. दवाइयां, दूध और मेडिकल से संबंधित जरूरी सेवाओं को बंद से दूर रखा गया है.

बिहार के भोजपुर में भारत बंद के समर्थन में विभिन्न दलों के नेताओं ने आरा रेलवे स्टेशन पर चक्का जाम किया. मैसूर रानी कमलापति सहरसा ट्रेन को रोककर प्रदर्शन किया जा रहा है. इस मौके पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस मौजूद है. 

राजस्थान के अजमेर में भारत बंद का असर साफ देखा जा रहा है. यहां सड़कें सुनसान हैं. बाजार बंद पड़े हैं. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने कोटे में कोटे को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में और इसे रद्द करने की मांग को लेकर भारत बंद का आह्वान किया है. 

ग्वालियर में भारत बंद को लेकर पुलिस के पुख्ता इंतजाम

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भारत बंद को लेकर पुलिस के पुख्ता इंतजाम देखे गए हैं. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए कोटा के भीतर कोटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में बुधवार को भारत बंद बुलाया है. दलित और आदिवासी संगठनों की मांग है कि अदालत अपने इस फैसले को रद्द करे.