महाराष्ट्र के बदलापुर (Badlapur) में दो किंडरगार्टन बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद बवाल मचा हुआ है. घटना के बाद लोग आक्रोशित हो गए और रेलवे ट्रैक जाम कर दिया. स्कूल में तोड़फोड़ की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इंटरनेट बंद कर दिया गया. इस पूरे मामले में विरोध में प्रदर्शन कर रहे करीब 300 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसके बाद पुलिस ने 40 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. ठाणे पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोगों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा.

इस घटना को लेकर मध्य रेलवे जीआरपी के डीसीपी मनोज पाटिल ने कहा कि स्थिति सामान्य है. रेलवे की आवाजाही भी सामान्य है. अब कोई धारा नहीं लगाई गई है. इंटरनेट सेवाएं कुछ दिनों के लिए निलंबित रहेंगी, ताकि अफवाहें न फैलें.

पुलिस के अनुसार, 13 अगस्त को स्कूल के टॉयलेट में दो किंडरगार्टन की बच्चियों के साथ यौन शोषण किया गया. यह घटना तब सामने आई जब 16 अगस्त को एक बच्ची ने अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में बताया. आरोपी अक्षय शिंदे को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया.

मंगलवार को मामला सामने आने के बाद हजारों लोग बदलापुर रेलवे स्टेशन पर एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया. इसके कारण 12 एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा. 30 लोकल ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द करना पड़ा और कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों का रूट भी बदला.

बदलापुर में प्रदर्शन हिंसक हो गया और गुस्साए लोगों ने स्कूल पर पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की. बदलापुर रेलवे स्टेशन के पास एक बस को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया. पुलिस ने नौ घंटे बाद लाठीचार्ज कर रेल पटरियों को खाली करवाकर विरोध प्रदर्शन खत्म किया.

पीड़ित बच्चियों के माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनकी शिकायत 12 घंटे बाद दर्ज की. सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने जांच में पाया कि स्कूल में लगा सीसीटीवी काम नहीं कर रहा था. माता-पिता ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की कि लड़कियों के टॉयलेट की सफाई के लिए महिला कर्मचारी को क्यों नहीं नियुक्त किया गया.

पीड़ितों के परिजन स्कूल गए और बच्चियों से बयान लेने के लिए पुलिस के आने से पहले तीन घंटे तक इंतजार किया. स्कूल प्रबंधन ने घटना के लिए प्रिंसिपल, एक क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को निलंबित कर दिया. आरोपी सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे को 1 अगस्त को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर नियुक्त किया गया था.

महाराष्ट्र सरकार ने मामले की जांच में कथित लापरवाही के लिए एक सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया. मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि उन्होंने ठाणे पुलिस आयुक्त को मामले की सुनवाई फास्ट-ट्रैक कोर्ट में करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है. इस बीच आरोपी को एक अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा कि मामले की जांच तेजी से की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

महाराष्ट्र सरकार ने इस मामले की जांच के लिए सीनियर आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी के गठन का आदेश दिया है.

इस घटना के बारे में पता चला तो पूरे इलाके के लोग विरोध में सड़कों पर उतर आए और हजारों प्रदर्शनकारियों ने बदलापुर स्टेशन पर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया. इससे लोकल ट्रेन सेवाएं ठप हो गईं. वहीं लंबी दूरी की ट्रेनों का रूट बदलना पड़ा. बदलापुर रेलवे स्टेशन पर आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और स्कूल की इमारत में तोड़फोड़ कर दी. पुलिस ने रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर नौ घंटे बाद विरोध प्रदर्शन खत्म कराया.

इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि पीड़ित बच्चियों के माता-पिता को बदलापुर पुलिस स्टेशन में 11 घंटे तक इंतजार करना पड़ा, उसके बाद अधिकारियों ने उनकी शिकायत दर्ज की.