
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025, केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025, जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किए. सदन में विपक्ष की तरफ से इस पर जोरदार हंगामा हो रहा है.
लोकसभा की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित कर दी गई है. विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित कर दी गई है
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के आरोप पर कहा कि मैं जब झूठे मामले में जेल गया था, तब नैतिकता के आधार पर पद से इस्तीफा देकर गया था. हम इतने निर्लज्ज नहीं हैं. मैं चाहता हूं कि येे नैतिकता के मूल्य बढ़ें. अमित शाह ने पीएम, सीएम और मंत्रियों के 30 दिन से अधिक समय तक गिरफ्तारी की दशा में पद से हटाए जाने का प्रावधान करने वाले तीन विधेयक लोकसभा में पेश कर दिए. उन्होंने ये तीनों बिल जेपीसी को भेजे जाने का प्रस्ताव रखा.
गृह मंत्री अमित शाह ने जो तीन बिल सदन में पेश किए हैं उनका जोरदार विरोध हो रहा है. असदुद्दीन ओवैसी ने तीनों बिलों का विरोध किया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि भारत का संविधान का मूल ढांचा कहता है कि कानून का राज होना चाहिए. कानून के राज की बुनियाद है कि आप बेगुनाह हैं, जब तक आपका गुनाह साबित नहीं होता, आप बेगुनाह हैं.
विपक्ष के कुछ सांसद लोकसभा की वेल में आकर नारेबाजी करने लगे. इस दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने बिल की कॉपी भी फाड़ दी और कागज के टुकड़े अमित शाह की तरफ उछाले. हालांकि अमित शाह ने बिल पेश करने के दौरान कहा कि सरकार इस बिल को जेपीसी को भेजने का प्रस्ताव रखती है. बावजूद इसके बिल को विरोध का सामना करना पड़ा.