
संसद में पेश किए गए संविधान (130वां संशोधन) विधेयक पर जारी विवाद के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस बिल का विरोध करके लोकतंत्र की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है और जनता को बताना चाहिए कि क्या कोई मुख्यमंत्री (CM), प्रधानमंत्री (PM) या मंत्री जेल से सरकार चला सकता है. उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि वे चाहते हैं कि उन्हें जेल से सरकार चलाने का विकल्प मिले.
अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा, “आज भी ये कोशिश कर रहे हैं कि अगर कभी जेल गए तो जेल से ही आसानी से सरकार बना लेंगे. जेल को ही CM हाउस, PM हाउस बना देंगे और DGP, मुख्य सचिव, कैबिनेट सचिव या गृह सचिव जेल से ही आदेश लेंगे.”
गृह मंत्री ने साफ कहा कि इस बिल के प्रावधान लोकतंत्र की गरिमा के लिए आवश्यक हैं. उनके मुताबिक, अगर कोई प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आरोपों में गिरफ्तार होता है और 30 दिन के भीतर उसे जमानत नहीं मिलती, तो उसे पद छोड़ना होगा. उन्होंने पूछा, “अगर जमानत मिल जाती है तो वे वापस शपथ लेकर पद संभाल सकते हैं, लेकिन जेल से सरकार चलाना क्या लोकतंत्र के लिए उचित है?”
अमित शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस बिल में PM का पद शामिल करने पर जोर दिया. उन्होंने याद दिलाया कि इंदिरा गांधी ने 39वें संशोधन में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और स्पीकर को न्यायिक समीक्षा से बाहर रखा था, लेकिन मोदी सरकार इसके उलट कदम उठा रही है.
कांग्रेस पर हमला करते हुए अमित शाह ने कहा कि जब मनमोहन सिंह सरकार ने लालू यादव को बचाने के लिए अध्यादेश लाया था, तब राहुल गांधी ने उसे सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया था. उन्होंने पूछा, “अगर उस दिन नैतिकता थी, तो क्या आज नहीं है क्योंकि कांग्रेस लगातार तीन चुनाव हार चुकी है?”