पूर्व कांग्रेस नेता गौरव वल्लभ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो चुके हैं. उन्होंने गुरुवार को कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दिया था. अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा था कि वह कांग्रेस पार्टी के अंदर सहज नहीं महसूस कर रहे हैं. उन्होंने खुद को एक सनातनी और शिक्षक बताते हुए कहा था कि वह सनातन विरोधी नारे नहीं लगा सकते हैं और कांग्रेस पार्टी में नए विचारों के लिए अब जगह नहीं है.

गौरव वल्लभ कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता के रूप में ज्यादा चर्चित हुए. टीवी बहस के जरिए उनकी लोकप्रियता बढ़ी, लेकिन अब उन्होंने कांग्रेस पार्टी छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने का फैसला किया है.

गौरव वल्लभ ने कहा,  ‘मैं अर्थशास्त्र का विद्यार्थी हूं. बड़े समय तक देश के प्रतिष्ठित संस्थाओं में मैंने अर्थशास्त्र और वित्त पढ़ाया भी है. सुबह से शाम तक वेल्थ क्रिएटर्स को गाली, उन नीतियों को गाली, उदारीकरण, निजीकरण को गाली, वैश्विकरण को गाली..मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव ने जो किया उसे  पूरी दुनिया मानती हैं, आप उन नीतियों को गाली दे रहे हैं. कोई बिजनेस करे उसे गाली, कोई विनिवेश करे उसे गाली, एयर इंडिया कोई खरीदे वो गलत.. मुझे लगता है मुद्दों को टैकल करने में कांग्रेस पार्टी के अंदर गैप आ रहे हैं. मैंने चिट्ठी में भी यही लिखा. ‘ 


गौरव वल्लभ ने पिछले साल अशोक गहलोत और सचिन पायलट विवादों में भी खुलकर स्टैंड लिया था और अशोक के समर्थन में बयान दिए थे. साल 2022 में उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे के इलेक्शन कैंपेन (कांग्रेस अध्यक्ष) को संभाला था. वे पार्टी के अंदर आर्थिक मसलों पर मजबूती से बात रखते आए हैं. वे 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव में उदयपुर सीट से मैदान में उतरे थे. हालांकि, बीजेपी उम्मीदवार ताराचंद्र जैन ने 32,000 से ज्यादा वोटों से हरा दिया था. गौरव वल्लभ ने 2019 में झारखंड के जमशेदपुर पूर्व से पहली बार चुनाव लड़ा था. उन्होंने 18,000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे और तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुबर दास और सरयू रॉय के बाद तीसरे स्थान पर रहे थे.