
भगवान कल्कि संभल में ही अवतार लेंगे और विष्णु के दसवें अवतार होंगे. ये बात स्कंदपुराण के सम्भालमहत्म से लेकर अलग-अलग वेद और पुराणों में निहित है. मछली से लेकर वराह और कछुए की अवतार का जिक्र भगवान विष्णु के अवतारों में नजर आता है. अब संभल में एक ऐसा आलू खुदाई में निकला है, जिसे भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के स्वरूप से जोड़कर देखा जा रहा है. संभल के तुलसी मानस मंदिर संभल में इस आलू को लाकर रखा गया है और यहां इसकी पूजा की जा रही है.
दरअसल, यह विचित्र आकृति वाला आलू एक स्थानीय किसान को अपने खेत में खुदाई के दौरान मिला. आलू की असामान्य बनावट देखकर किसान को कुछ अजीब लगा और उसने इसकी तस्वीर मंदिर के पुजारी शंकर लाल को भेजी. पुजारी ने तस्वीर देखने के बाद इसे मंदिर में लाने का फैसला किया.
पुजारी के अनुसार, इस आलू में शेषनाग, मत्स्य अवतार और वराह अवतार का हिस्सा जैसी आकृतियां स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं. शंकर लाल ने कहा, “यह भगवान कल्कि का स्वरूप हो सकता है. मुझे ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान ने स्वयं दर्शन देने के लिए यह संकेत दिया है.”
आलू को मंदिर में लाने के बाद पुजारी शंकर लाल ने विधिवत पूजा-अर्चना शुरू की. इसे भगवान राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की प्रतिमाओं के समक्ष रखा गया है. रंग एककाशी और होली के अवसर पर मंदिर में पहले से ही भक्तों की भीड़ थी, लेकिन इस घटना के बाद लोग विशेष रूप से इस आलू के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. पुजारी ने बताया, “इस आलू में शेषनाग का पूरा स्वरूप, मत्स्य अवतार और मगर की आकृति दिख रही है. यह भगवान की लीला है, जो होली के पावन अवसर पर दर्शन देने आई है.”
पुजारी शंकर लाल ने कहा, “एक स्थानीय किसान, जो रोज मंदिर आता है, उसे यह आलू खेत में मिला. उसने मुझे फोटो भेजा और मैंने उसे मंदिर लाने को कहा. जब मैंने इसे देखा, तो मुझे लगा कि यह भगवान के अवतार का स्वरूप है. इसमें शेषनाग, मत्स्य और मगर जैसे अवतारों की आकृतियां हैं. यह एक संकेत है कि भगवान कल्कि का आगमन निकट है.” उन्होंने इसे प्रेम और श्रद्धा से मंदिर में स्थापित करने की बात कही.
इस घटना के बाद से मंदिर में भक्तों की संख्या बढ़ गई है. लोग इसे भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि से जोड़कर देख रहे हैं. कई श्रद्धालु इसे चमत्कार मानकर दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंच रहे हैं. मंदिर में भगवान राम के दरबार के साथ-साथ इस आलू को देखने की उत्सुकता भी लोगों में देखी जा रही है. एक भक्त ने कहा, “यह भगवान की कृपा है कि हमें ऐसे दर्शन मिले. हम इसे कल्कि अवतार का प्रतीक मान रहे हैं.”
पुजारी शंकर लाल ने आलू की आकृतियों को विस्तार से समझाया. उनके अनुसार, आलू के एक हिस्से में शेषनाग की पूरी आकृति, दूसरे हिस्से में मत्स्य अवतार और तीसरे हिस्से में मगर की आकृति नजर आ रही है. उन्होंने कहा, “यह सारी आकृतियां भगवान विष्णु के अवतारों से मिलती-जुलती हैं. यह कोई साधारण आलू नहीं, बल्कि दैवीय संकेत है.”
संभल के तुलसी मानस मंदिर को राम दरबार मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. शंकर कॉलेज चौराहे पर स्थित यह मंदिर स्थानीय लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है. इस घटना ने मंदिर की लोकप्रियता को और बढ़ा दिया है. होली के रंगों के बीच यह विचित्र आलू श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है.