कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने सेना के शौर्य को सलाम किया और कहा कि आजादी अहिंसा के आंदोलन से मिली, लेकिन 1948 में पाकिस्तान की ओर से हुई पहली घुसपैठ से अब तक हमारी अखंडता को अक्षुण्ण रखने में सेना का बड़ा योगदान है. उन्होंने कहा कि मंत्रियों ने तमाम पहलू गिना दिए, इतिहास का पाठ भी पढ़ा दिया, लेकिन एक बात रह गई. पहलगाम में हमला कैसे हुआ, क्यों हुआ? ये सवाल अब भी खटक रहा है.

प्रियंका गांधी ने शुभम द्विवेदी की पत्नी को भी कोट किया और कहा कि लोग सरकार के भरोसे पहलगाम गए थे, सरकार ने उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया. हमले की जिम्मेदारी किसकी है. क्या नागरिकों की सुरक्षा रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है, क्या ये गृह मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है. उन्होंने टीआरएफ की स्थापना, इसकी गतिविधियों और इसे आतंकी संगठन कहे जाने का जिक्र कर सवाल उठाए और कहा कि सरकार की कोई ऐसी एजेंसी नहीं है, जिसे भनक लगे कि ऐसे भयानक हमले की योजना बन रही है. ये एजेंसियों की विफलता है कि नहीं है. ये बड़ी विफलता है.

प्रियंका गांधी ने कहा कि क्या सेना प्रमुख, क्या इंटेलीजेंस प्रमुख ने इस्तीफा दिया. क्या गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. इस्तीफा छोड़िए, जिम्मेदारी तक नहीं ली. इतिहास की बात आप करिए, मैं वर्तमान की बात करुँगी. 11 साल से सत्ता में आप हो. कल मैं देख रही थी, जब गौरव गोगोई ने जिम्मेदारी की बात कही, राजनाथ सिंह सिर हिला रहे थे, लेकिन गृह मंत्री हंस रहे थे. इन्होंने कल कहा कि मुंबई हमले के बाद मनमोहन सरकार ने कुछ नहीं किया. जब घटना चल रही थी, तभी तीन आतंकियों को मार दिया गया था और एक बचा था जिसे पकड़ा गया और बाद में फांसी दी गई. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और देश के गृह मंत्री ने इस्तीफा दिया. राजनाथ जी उरी-पुलवामा के समय गृह मंत्री थे, आज वह रक्षा मंत्री हैं.

अमित शाह के समय मणिपुर जल रहा है, दिल्ली दंगे हुए, पहलगाम हुआ और आज भी वह गृह मंत्री हैं. क्यों. देश जानना चाहता है. पहलगाम हमला हुआ, सब एकजुट होकर खड़े हो गए. दोबारा होगा तो दोबारा भी खड़े हो जाएंगे. देश पर हमला होगा तो हम सब सरकार के साथ खड़े हो जाएंगे,. ऑपरेशन सिंदूर में सेना ने बहादुरी के साथ लड़ाई लड़ी, लेकिन श्रेय प्रधानमंत्री जी चाहते हैं.