
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम तो पाकिस्तान की निंदा पहले भी करते रहे हैं, लेकिन आप बिना बुलाए वहां जाकर गले लगा लेते हैं. आप खुद ही ऐसी चीजें करते हो, और दूसरों को पाठ पढ़ाते हो. आप अगर सीरियस हो तो दूसरों पर टीका करने की जरूरत नहीं है. हमारा इतिहास बड़ा लंबा है. आपने सिर्फ झूठ के कारखाने बनाए हैं, पब्लिक सेक्टर नहीं. आप उनकी ही कहानियां बताएंगे, जो हमने बनाया था. नेहरू जी को गालियां देते वक्त तालियां बजाते हैं. यही लोग जब बच्चे थे, 14 नवंबर को कहते थे, चाचा नेहरू आए. सच बताइए, सच सुनिए, तभी कुछ निकलेगा.
उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी पूछा था लिखित में कि क्या आपको पहले से पता था कि कुछ होने वाला है, क्योंकि आप वहां जाने वाले थे और दौरा रद्द कर दिया था. सरकार को सच सुनने का साहस दिखाना चाहिए. इस पर नेता सदन जेपी नड्डा ने आपत्ति की और इसे एक्सपंज करने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर कुछ गलत है तो सरकार खारिज कर दे. हमने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, लेकिन कहा गया कि समय आने पर जवाब देंगे. कहा जा रहा है कि हमने देर से किया, अच्छा किया. अरे आपके पास पत्र पढ़ने की, लिखने की फुर्सत नहीं है. इतना घमंड अच्छा नहीं है. मोदी साहब सर्वदलीय मीटिंग में भी नहीं थे. पीएम उस समय समय कहां थे, वह बिहार चुनाव में प्रचार कर रहे थे. मोदी साहब को इस सदन में या उस सदन में बैठना चाहिए था. सुनना चाहिए था. सुनने की क्षमता जब नहीं है, तुम कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं हो. क्या यही तुम्हारी देशभक्ति है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विजय शाह का नाम लिए बिना कहा कि इनके एक मंत्री ने कहा कि जिन्होंने हमारी बहन-बेटियों को सिंदूर उजाड़ा था, उन्हीं की बहन कर्नल सोफिया कुरैशी को भेजकर उनकी ऐसी-तैसी करा दी. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसका खंडन किया. नड्डा साहब क्या इसका खंडन करेंगे. उन्होंने कहा कि विदेश सचिव पर निजी हमले किए गए. मेजर नरवाल की विधवा को ट्रोल किया गया. देशभक्ति पर बड़ी बातें करने में मोदी का जोर नहीं, देशभक्ति का ठेका सिर्फ इन्होंने लिया है. लोग झूठी बातों को गंभीरता से नहीं लेंगे. किसी को दोष देकर खुद को बचाना चाह रहे हैं.
पहलगाम के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया. सेना ने जोरदार अटैक किया. हम फ्रंटफुट पर थे, पाकिस्तान ने घुटने टेक दिए थे. ऐसा आपका कहना है. अचानक युद्ध विराम की घोषणा हुई. सवाल है कि घोषणा किसने की, कहां से हुई. इसकी घोषणा हमारे प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री ने नहीं की. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन से इसकी घोषणा की और दावा किया कि मैंने युद्ध रुकवाया. लेकिन ये मानने के लिए तैयार नहीं हैं. राष्ट्रपति ट्रंप 29 बार ये बात दोहरा चुके हैं, ? खड़गे की इस बात पर हंगामा हो गया. आसन से उपसभापति ने वॉर्न करते हुए कहा कि माननीय प्रधानमंत्री पर कोई टिप्पणी नहीं. खड़गे ने कहा कि भारत के खिलाफ ट्रंप की बात पर मोदी जी क्यों चुप्पी साधे हैं. ट्रंप ने कहा कि पांच जेट्स गिराए गए. आपका दोस्त बोल रहा है, जिसके प्रचार के लिए जाते हो., विदेश में जाकर किसी का प्रचार कोई करता है. आजतक किसी प्रधानमंत्री ने नहीं किया. इसको आप बता सकते हैं. मोदी जी से देश जानना चाहता है कि वो साफ-साफ कहें कि हमारा एक भी जेट नहीं गिरा.