ओम बिरला एक बार फिर लोकसभा के स्पीकर बन गए हैं. बुधवार को उन्हें ध्वनिमत से स्पीकर चुना गया. बता दें कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने राजस्थान के कोटा से तीसरी बार सांसद ओम बिरला को अपना प्रत्याशी बनाया था, जो चुनाव जीत चुके हैं. वहीं, विपक्षी INDIA ब्लॉक ने केरल के मवेलीकारा से 8 बार सांसद कोडिकुन्निल सुरेश को मैदान में उतारा था.

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने पहले ही संबोधन में इमरजेंसी की निंदा की. उन्होंने कहा कि सदन आपातकाल की निंदा करता है. आपातकाल भारत के इतिहास में एक काला धब्बा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में अपने कैबिनेट का परिचय कराया. इसके बाद स्पीकर ओम बिरला ने इमरजेंसी की निंदा की और इसे देश के इतिहास का एक काला अध्याय बताया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने इस दौर में ऐसे कई कार्य किए जिन्होंने संविधान की भावनाओं को कुचलने का काम किया. स्पीकर ने इस दौर में संविधान संशोधनों का जिक्र करते हुए कहा कि न्यायपालिका पर नियंत्रण हो और सारी शक्तियां एक व्यक्ति के पास आ जाए. इमरजेंसी तानाशाही की भावना से बड़ी चुनौतियों को लेकर आई. यह ऐसा कालाखंड है जो संविधान के ढांचे और न्यायिक स्वतंत्रता की आवश्यकता की याद दिलाता है. जब हम इमरजेंसी के 50वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, ये सभा बाबा साहब के बनाए हुए संविधान की रक्षा की भावना को दोहराती है. हम संवैधानिक संस्थाओं में भारत के लोगों की आस्था की सराहना करते हैं.

स्पीकर समेत सत्ता पक्ष के नेताओं ने इमरजेंसी को लेकर 2 मिनट का मौन रखा, लेकिन विपक्ष की नारेबाजी जारी है. फिलहाल लोकसभा को गुरुवार (27 जून) तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. वहीं, ओम बिरला ने स्पीकर चुने जाने पर कहा, “मैं सदन के स्पीकर के तौर पर फिर से काम करने का अवसर देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और सदन के सभी सदस्यों को धन्यवाद देता हूं. मुझ पर भरोसा दिखाने के लिए सभी को धन्यवाद.”